5G इम्पैक्ट-02 : मानसिकता बदलने का नया हथियार
ब्रिटेन ने विधिवत रूप से सन 1858 में भारत को अपने साम्राज्य में शामिल किया था। सन 1876 में ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया।
ऐसा करने से पहले ब्रिटिश सरकार ने थॉमस बेबिंगटन मैकाले को परिस्थितियों की रिसर्च करने के लिये भारत भेजा था। लॉर्ड मैकाले ने 2 फ़रवरी 1835 को जो रिपोर्ट ब्रिटेन की संसद में पेश की उसे आप गूगल पर Lord Macaulay's Minute 1835 लिखकर सर्च कर सकते हैं। लॉर्ड मैकाले ने कई सुझाव दिये थे, जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने माना और जो शिक्षा नीति तैयार की उसे लॉर्ड मैकाले एज्युकेशन पॉलिसी कहते हैं, जिसे अंग्रेज़ों द्वारा शासित भारत में लागू किया गया।
लॉर्ड मैकाले ने शिक्षा का माध्यम अंग्रेज़ी करने पर ज़ोर दिया। उसका कारण बताते हुए उसने अपनी रिपोर्ट में लिखा था, We must do our best to form a class who may be interpreters between us and the million whom we govern, a class of persons, Indians in blood and colour, but English in taste, opinions, in morals, and in intellect."
इस पैरा का हिंदी अनुवाद यह है, ‘‘हमें इस देश में, अपने और अपने द्वारा शाषित लोगों के बीच में, एक ऐसे वर्ग की तामीर (निर्माण) करने की बेहतरीन कोशिश करनी है जो ख़ून (नस्ल) एवं रंग में तो भारतीय हों, पर वह दिलचस्पी (रूचि), विचारों, नैतिकता एवं इल्म (विद्वता) में अंग्रेज़ जैसा हो।’’
लॉर्ड मैकाले ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन भारत में चल रही मदरसा शिक्षा में बदलाव के बारे में भी बहुत कुछ कहा। आइंदा कभी हम उस विस्तार से चर्चा करेंगे, इन् शा अल्लाह!
ब्रिटिश साम्राज्य का विधिवत हिस्सा बनाने से पहले ईस्ट इंडिया कंपनी भारत की उन रियासतों को रिमोट कंट्रोल से चला रही थी। 1857 से पहले इस तरह मुनादी होती थी, ख़ल्क़ ख़ुदा की, मुल्क बादशाह सलामत का और हुक्म कंपनी बहादुर का।
■ 5G मानसिकता बदलने का हथियार कैसे बनेगा?
अब हम अपने ब्लॉग के टाइटल पर वापस लौटते हैं। यह तो आप भी मानते हैं कि 5G के ज़रिए संचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति आने वाली है। मानसिकता बदलने का काम कैसे होगा, इसे दो मिसालों से समझिये।
◆ आजकल आप अख़बारों में ऑनलाइन एज्यूकेशन के विज्ञापन देखते होंगे। कई कंपनियां इस फ़ील्ड में आ गई हैं। अब घर बनेगा स्कूल उनका नारा है।
जब छोटी उम्र के बच्चों के हाथ में हाई स्पीड इंटरनेटयुक्त मोबाइल होंगे तो वो पढ़ाई करने के साथ-साथ कुछ और भी देखेंगे, जिसका असर उनकी सोच और मानसिकता पर पड़े बिना नहीं रहेगा।
◆ 13 मई को सलमान ख़ान की फ़िल्म "राधे" ज़ीप्लेक्स पर रिलीज़ हुई और उसने एक दिन में 108 करोड़ का बिज़नेस किया। लेकिन एक साथ 42 लाख लोगों के लोड की वजह से उसका सर्वर क्रैश हो गया।
5G आने के बाद किसी भी कंपनी का सर्वर क्रैश नहीं होगा। बड़ी-बड़ी फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ की जाएंगी, जिसकी पूरी आमदनी उस कंपनी के पास जाएगी। वो लोग जो कंटेंट दिखाएंगे वैसी मानसिकता लोगों की बनेगी।
पिछले कुछ सालों से लॉर्ड मैकाले एज्युकेशन पॉलिसी का देश में विरोध हो रहा है। पिछले साल भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की है। लेकिन हमारे देश में 190 साल हुकूमत कर चुकी क़ौम ज़्यादा एडवांस है। अब वो नेटिव इंडियंस बनाने के लिये नई तकनीक का सहारा लेगी और 5G उसमें मददगार साबित होगा।
एक ख़तरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी है, उस विषय पर हम आइंदा कभी बात करेंगे, इन् शा अल्लाह!
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सलीम ख़िलजी
(एडिटर इन चीफ़, आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप/टेलीग्राम : 9829346786
इस सीरीज़ के पूर्ववर्ती ब्लॉग्स के लिंक :
● 5G से सम्बंधित झूठ और सच
● 5G इम्पैक्ट-01 : क्या प्राइवेसी में दख़लअंदाज़ी बढ़ेगी?
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