क्या वाक़ई हमास की जीत हुई है?

आज की यह न्यूज़ एंड व्यूज़ रिपोर्ट सोशल मीडिया में चल रही जीत के जश्न वाली पोस्ट्स से थोड़ी अलग है। क्यों अलग है, इसके लिये तथ्यों के साथ लिखी गई यह रिपोर्ट पढ़ियेगा।

फ़लस्तीनियों की जानी-मानी नेता हनान अशरवी ने बीबीसी के साथ बातचीत करते हुए यह चेतावनी दी है कि अगर इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच के विवाद के सभी मुद्दों को नहीं सुलझाया जाता है तो ये संघर्ष विराम केवल अस्थाई ही रहेगा।

बीबीसी से न्यूज़आवर कार्यक्रम में शामिल हुई अशरवी ने कहा कि "इससे पहले भी दोनों के बीच कथित युद्धविराम हुए हैं, लेकिन ये शब्द केवल भ्रामक हैं क्योंकि ये दो सेना या दो देशों के बीच का संघर्ष नहीं है। ये बार-बार होने वाला क्रूर हमला है।"

उन्होंने कहा, "अब जब कथित तौर पर संघर्ष विराम हो गया है तो मुझे लगता है कि हमें इस संघर्ष के मूल विवाद को सुलझाना होगा। जब तक मूल विवाद का हल नहीं निकलेगा तब तक उत्पीड़न और आक्रामक स्थिति बनी रहेगी और इतिहास ख़ुद को दोहराता रहेगा।"

हनान अशरवी, किस अंदेशे की बात कर रही है उस पर चर्चा करने से पहले यह जान लें कि संघर्ष विराम के पहले दिन, 21 मई 2021 को क्या हुआ।

जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिदे अक़्सा में फिर टकराव की स्थिति बनी

(मस्जिदे अक़्सा में जुमे की नमाज़)

(नमाज़ के बाद इस्राईली सुरक्षा बलों के साथ टकराव)

(फलस्तीनी जनता का प्रदर्शन)

फलस्तीनी नेता हनान अशरवी ने ऐसा क्यों कहा, इसके लिये हमें पिछले साल हुए संघर्ष और सीज़ फायर को नज़र में रखना होगा।

पिछले साल 2020 में भी रमज़ान के महीने में उसी तरह का टकराव हुआ था, जैसा कि इस साल यानी मई 2021 में हुआ है। उस वक़्त भी इस्राईल ने फलस्तीन की ज़मीन हड़पने की कार्रवाई की थी। सबूत के तौर पर, संयुक्त राष्ट्र संघ की ऑफिशियल वेबसाइट पर छपी ख़बर का स्क्रीनशॉट देखिये।

(29 जून 2020 की न्यूज़ स्क्रीनशॉट)

29 जून 2020 को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) मिशेल बाशेलेट ने इस्राईल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों को ग़ैरक़ानूनी ढंग से छीनने की योजना से पीछे हटने को कहा था। यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने इसराइल की इस कार्रवाई का फ़लस्तीनियों और पूरे क्षेत्र के लिए चेतावनी भरे शब्दों में विनाशकारी असर होने की आशंका जताई थी। इससे पहले यूएन महासचिव ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ऐसी कोई भी एकतरफ़ा कार्रवाई अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का गम्भीर उल्लंघन होगी।

लेकिन इसका कुछ असर नहीं हुआ। इस्राईली सुरक्षा बलों ने फलस्तीनी इलाकों पर हमले किये, नाकाबंदी की, बिजली सप्लाई बंद की। हमास ने भी इस्राईली इलाक़ों पर रॉकेट दागे। यानी पिछले 11 दिनों में जो-कुछ हुआ, ठीक वैसा ही पिछले साल भी हो रहा था। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 1 सितंबर 2020 को संघर्ष विराम हुआ। यूएनओ की तरफ़ से ट्वीट करके इसका स्वागत किया गया। नीचे दी गई तस्वीर देखिये, यह भी संयुक्त राष्ट्र संघ की ऑफिशियल वेबसाइट का स्क्रीनशॉट है।

(1 सितंबर 2020 की न्यूज़ का स्क्रीनशॉट)

2 सितंबर 2020 को यूएनओ की वेबसाइट पर छपी इस ख़बर में इस्राईल द्वारा क़ब्ज़ा किये हुए फ़लस्तीनी इलाक़ों के लिये संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ माइकल लिन्क ने कहा था, “ग़ाज़ा को एक मानवीय फुसफुसाहट में तब्दील कर दिया गया है। फ़लस्तीनी सशस्त्र गुटों द्वारा रॉकेट और विस्फोटक सामग्री से लदे गुब्बारे इसराइली सीमा की तरफ़ दागना और इस्राईल द्वारा मिसाइल हमलों के ज़रिये अत्यधिक बल प्रयोग करने के पीछे दरअसल, उस स्थिति से उत्पन्न भीषण हालात हैं जिनमें इस्राईल ने 13 वर्षों से ग़ाज़ा की चौतरफ़ा नाकेबन्दी कर रखी है।”

उन्होंने कहा था, “ग़ाज़ा एक ऐसी जगह बनने के कगार पर पहुँच गया है जहाँ रहना मुमकिन नहीं है। दुनिया भर में ऐसी कोई अन्य जगह नहीं है जहाँ इस तरह की स्थायी नाकेबन्दी हुई हो, जिसके तहत लोग यात्रा और व्यापार नहीं कर सकें।"

माइकल लिन्क ने और ज़्यादा कड़े शब्दों में कहा था, "और ये नियंत्रण एक ऐसी क़ाबिज़ ताक़त ने किया है जो अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के साथ-साथ अपनी मानवीय ज़िम्मेदारियाँ पूरी नहीं करती है।”

बहुत कड़े शब्दों में कही गई ये सारी बातें पिछले साल की हैं लेकिन कुछ असर नहीं हुआ। अगर हुआ होता तो हालिया संघर्ष और तबाही न हुई होती। इन् शा अल्लाह, हम आपके लिये और भी ऐसी ख़बरें, आर्टिकल्स व ब्लॉग्स लाते रहेंगे, हमारी वेबसाइट पर रोज़ाना विज़िट करें।

इस आर्टिकल पर नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके आप अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिये।

सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़,
आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप/टेलीग्राम : 9829346786

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Comments (12)
Irshad Mohammed

Salim sb. very nice article ....

Sat 22, May 2021 · 12:23 pm · Reply
Syed Abid Ali

Good job. Let Allah sbnt unite Muslim ummah to establish peace and harmony's in and around. Ameen.

Sat 22, May 2021 · 11:25 am · Reply
Mubarak ali

बहुत अच्छा लिखते हो अल्लाह हर छेत्र में कामयाब करे आमीन

Sat 22, May 2021 · 10:20 am · Reply
MD Korban Ali

Ohchr/uno are entirely responsible for such types of discremanations & repurcations/casualities following their biousnesses. So Muslims need to be united. Following their dividations & their eneimy attitudes,such type of days are being experienced. May Allah unite them,guide them & assist them to understand each other. Aameen.

Sat 22, May 2021 · 09:39 am · Reply
Saleem Khilji · Editor-in-Chief

Intekhab Farash
टिचकी हमारी हालत तो उस मग्गे जैसी लग रही है। तो पानी से भरी बादली में तैरता है। उसको एक टिचकी ( दो बोटोंसे मारी गई ) मारो मग्गा पानी के नीचे चला जाता है। और फिर थोड़ी देर में आहिस्ता आहिस्ता उपर आकर तैरने लगता है। फिर टिचकी मारो फिर वहीं अंजाम। हम मुसलमानों की हालत उस मग्गे जैसी बन गयी है। साल दो साल मे कोई ना कोई हमें टिचकी मारता है। मराठी में एक कहावत है " चांभाराच्या देवा ला खेटरा ची पुजा " जबतक हम एक और नेक नही होंगे तबतक यही हाल होगा।

सच्चाई यही है।

Sat 22, May 2021 · 09:31 am · Reply
Intekhab Farash

टिचकी हमारी हालत तो उस मग्गे जैसी लग रही है। तो पानी से भरी बादली में तैरता है। उसको एक टिचकी ( दो बोटोंसे मारी गई ) मारो मग्गा पानी के नीचे चला जाता है। और फिर थोड़ी देर में आहिस्ता आहिस्ता उपर आकर तैरने लगता है। फिर टिचकी मारो फिर वहीं अंजाम। हम मुसलमानों की हालत उस मग्गे जैसी बन गयी है। साल दो साल मे कोई ना कोई हमें टिचकी मारता है। मराठी में एक कहावत है " चांभाराच्या देवा ला खेटरा ची पुजा " जबतक हम एक और नेक नही होंगे तबतक यही हाल होगा।

Sat 22, May 2021 · 07:19 am · Reply
Abdulwaheed gauri

Puri.muslim qoum ke rehnumao ko is bar parmanent khaskar islami mulqo ko iska solution action lena hoga aur protection forces banani hogi taki in future dubara is tarah koi Israel kie hamle ka mil kar jawab diya ja sake

Sat 22, May 2021 · 06:54 am · Reply
Gk panwar

Al hamdulil lah yah yah fatah hai hamas ki shartu par insha Allah hamas next war ki taiyari kar raha hai ,, insha Allah nearest Fatah islam ki hogi ,,, hamare yahan par 20 din ke lock down ke muh dekhne layak hata hai , wahan par jan mal Allah par qurban hone ke bad bhi chehra par mayoosi nahi hai aur Allah tarif usi josh ke sath karte hain,,, yahi fatah hai

Sat 22, May 2021 · 12:38 am · Reply
Taiyaba Anjum

Aapne jo news di ho wo waqai sahi aur khara bhi. Utar raha hai hamla dobara shuru ho chuka h aur ye bahut zaroori hai ki jang mukammal tor par band ki jaye Allah tla tamam filisteeniyan aur musalmanon ki madad farmaye

Fri 21, May 2021 · 11:10 pm · Reply
Azizurrehman belim

Hame yahudi kom se dajjal ke katl hone tak sangharsh karna he Or Abhi bahut si nishaniya zahir hona baki he. Mujhe nhi lagta ki hum musalmano ko Is waqt jashan manana chahiye. Natija Allah ke hath me he Hum iman walo ko inse nimtane ke liye hamesha teyar rehna chahiye . Kyonki yahudi aisi kom he jo musa alehi salam jese jalilulkadra Rasul ke saath kai baar gaddari or makkari kar chuki he.

Fri 21, May 2021 · 10:54 pm · Reply
Raza mohammed khan

Nice

Fri 21, May 2021 · 10:45 pm · Reply
Waahid gauri

होगा हिसाब हमारी कमाई हर दुआ ओ बद्दुआ का....... देर से सही पर,फैसले पहुचेंगें पूरअसर बामुकाम_____!!

Fri 21, May 2021 · 10:35 pm · Reply