गिद्ध मीडिया का मुक़ाबला करना होगा

असली मीडिया का काम है, सच्ची ख़बरें देना और ख़बर देते समय ऐसे शब्दों का चयन करना जिससे साम्प्रदायिक सद्भाव व सौहार्द्र न बिगड़े। लेकिन बाज़ारवादी मीडिया का काम है, ख़बरों को सनसनीखेज़ बनाकर पेश करना, उसके ज़रिए अपनी टीआरपी बढ़ाना। फिर उसके ज़रिए ज़्यादा से ज़्यादा विज्ञापन जुटाकर ख़ूब धन कमाना और राजनीतिक फायदा हासिल करना।

गिद्ध मरे हुए जानदारों का गोश्त खाता है। उसे जीती-जागती खुशहाल बस्तियां अच्छी नहीं लगती बल्कि उसे लाशों के ढेर देखकर ख़ुशी होती है। साम्प्रदायिक सद्भाव की लाश देखकर ख़ुश होने वाले मीडिया को "गिद्ध-मीडिया" कहना ज़्यादा उचित होगा।

1997 में जेम्स बॉण्ड सीरिज़ की एक फ़िल्म आई थी, टुमॉरो नेवर डाइज़। सनसनीखेज़ ख़बर छापने की हवस एक अख़बार मालिक को कितना नीचे गिरा देती है, यह उस फ़िल्म का सब्जेक्ट था।

टुमॉरो न्यूज़ चैनल का मालिक, अपने नौकर पत्रकार से कहता है, अच्छी ख़बर वो है जो बुरी ख़बर हो। असल में डेस्क एडिटर एक न्यूज़ का टाइटल अपने बॉस को दिखाता है, चाइनीज़ सागर में पाँच अमेरिकी नौसैनिकों की डूबने से मौत लेकिन सनसनीखेज़ ख़बरों का शौकीन अख़बार मालिक टाइटल लगाता है, चाइनीज़ सागर में पाँच अमेरिकी नौसैनिकों की हत्या। नये टाइटल के हिसाब से नमक-मिर्च लगाकर ख़बर वापस लिखी जाती है और वो ख़बर तहलका मचा देती है, यहाँ तक कि अमेरिका-चीन युद्ध की स्थिति पैदा हो जाती है।

उसके बाद टुमॉरो का सम्पादक, ब्रिटेन और चीन के झण्डे के बीच में अगली स्टोरी का टाइटल लगाता है, The Empire will Strike Back (एम्पायर वापस जवाब देगा)।

मगर ब्रिटेन की सरकार अपने क़ाबिल जासूस जेम्स बॉण्ड को सच्चाई का पता लगाने कथित घटनास्थल पर भेजती है। फ़िल्म का हीरो जेम्स बॉण्ड पूरी साज़िश को एक्सपोज़ कर देता है और युद्ध टल जाता है।

भारत में मीडिया से जुड़े कुछ लोगों की मानसिकता टुमॉरो नेवर डाइज़ के अख़बार मालिक जैसी है। हम आए दिन इस बात को महसूस करते हैं। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि आम जनता भी भड़काऊ ख़बरों और वीडियोज़ को आगे से आगे फैलाकर "गिद्ध मीडिया" की मददगार बन गई है। हमें याद रखना चाहिये कि यह समय गिद्धों की तरह लाशें नोंचने का नहीं है बल्कि इंसान बनकर भलाई फैलाने का है।

गिध्द मीडिया नहीं मानवीय मीडिया चाहिये

ज़रूरत इस बात की है कि सनसनी फैलाने वाले गिध्द मीडिया और पक्षपात बरतने वाले बाज़ारवादी मीडिया का बहिष्कार किया जाना चाहिये। उसकी किसी ख़बर को फॉरवर्ड या शेयर नहीं किया जाना चाहिये।

इस गिद्ध मीडिया का "टार्गेट पॉइंट" मुस्लिम समाज है। ऐसे में मुस्लिम समाज के समझदार लोगों की ज़िम्मेदारी है कि भलाई और इंसानियत की बात करने वाले मीडिया का सपोर्ट करे। ऐसा करके ही अपने हमवतन ग़ैर-मुस्लिम भाइयों को सच्चाई से रूबरू कराया जा सकता है।

हम इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि हम अपने अच्छे अख़लाक़ (सदचरित्र) से ही लोगों के दिल जीत सकते हैं। हमारा मानना है कि गिद्ध मीडिया को उसी की भाषा में जवाब देने से नफ़रत और ज़्यादा बढ़ेगी।

इस आर्टिकल को शेयर करके असली मीडिया को मज़बूत करने में अपना योगदान दें।
सलीम ख़िलजी
(एडिटर इन चीफ़ आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप : 9829346786

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Comments (11)
S M Ahmed

Good try Good thought

Sat 15, May 2021 · 08:20 pm · Reply
Ajar mew

Nice

Sat 15, May 2021 · 08:11 pm · Reply
Mohammad Shakir Khan

Acchi baat hai

Sat 15, May 2021 · 12:32 pm · Reply
Mohdfarooquebelim

Sirshak.achha.he.in.hamri.jarurat.kiya.paddhgi.woh.bata.deena

Sat 15, May 2021 · 11:26 am · Reply
Saleem Khilji · Editor-in-Chief

Dr masarrat ali shah
ASSALAMUALAIKUM. Yes imandar media banane ke liye ekh team banni chahiye. Start from taluka level then Dist level then state level after that national level.time period 3year.inshallah.it will work.

बिल्कुल सही कहा आपने। क़ौम का दर्द रखने वाले लोगों को हम अपने साथ जोड़ेंगे। नये लोगों को ट्रेनिंग देने के लिये ट्यूटोरियल्स भी तैयार करेंगे, इन् शा अल्लाह।

Sat 15, May 2021 · 10:47 am · Reply
Saleem Khilji · Editor-in-Chief

Mohd Akram
Hume manvey Midia chaiye kyoki y sali gidd midia apni trp badhane k liye kuch bhi kr sakte h y gidd midiya neta k dlaal hote h inko kuch matlab nhi hota k apne jhute khbro s janta m bhaichra khtam hota h y gidd midia 1 dusre ko ladne ka kaam krte h isliye hum is midia ka bhiskaar krte h

किसी भी काम की शुरुआत आइडिया के साथ होती है। फिर उस पर काम करने से बदलाव आता है। इन् शा अल्लाह हम मुमकिन कोशिश करेंगे।

Sat 15, May 2021 · 10:44 am · Reply
Mohammed Tahir

It hoped that this should be an initiative to reveal rhe truth

Sat 15, May 2021 · 09:20 am · Reply
Mohammad rafique Sayed

Masa allah

Sat 15, May 2021 · 08:19 am · Reply
Good

Yes if we have good Media and news channel then it's can clearfy misunderstanding between muslim and another cast ...

Sat 15, May 2021 · 05:50 am · Reply
Dr masarrat ali shah

ASSALAMUALAIKUM. Yes imandar media banane ke liye ekh team banni chahiye. Start from taluka level then Dist level then state level after that national level.time period 3year.inshallah.it will work.

Fri 14, May 2021 · 11:29 pm · Reply
Mohd Akram

Hume manvey Midia chaiye kyoki y sali gidd midia apni trp badhane k liye kuch bhi kr sakte h y gidd midiya neta k dlaal hote h inko kuch matlab nhi hota k apne jhute khbro s janta m bhaichra khtam hota h y gidd midia 1 dusre ko ladne ka kaam krte h isliye hum is midia ka bhiskaar krte h

Fri 14, May 2021 · 11:19 pm · Reply