COVID-19 एक नई विश्व व्यवस्था लिख रहा है

COVID-19 एक नई विश्व व्यवस्था लिख रहा है

24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन की घोषणा की। अगले दिन यानी 25 मार्च 2020 यह आर्टिकल, इकोनॉमिक्स टाइम्स में Covid-19 is Writing a New World Order शीर्षक से छपा था। इसे लिखा था सी पी गुरनानी ने, जो महिंद्रा एंड महिंद्रा की सहायक कंपनी टेक महिंद्रा के एमडी और सीईओ हैं।

हम इस आर्टिकल का हिंदी अनुवाद आपके सामने पेश कर रहे हैं। यह आर्टिकल थोड़ा लंबा है लेकिन इसे पूरा पढ़ियेगा, वर्ना आप एक अहम जानकारी से महरूम रह जाएंगे। इस आर्टिकल में आपको इस बात की झलक मिलेगी कि कैसे पूरी दुनिया को "One World Order (एक वैश्विक क़ानून)" के तहत लाने की तैयारी की जा रही है। अगर आपको अच्छा लगे तो आगे शेयर भी करें। (एडिटर इन चीफ़)_

मूल लेख का लिंक : ET Commentary : COVID-19 is writing a new world order

COVID-19 के कारण होने वाले सामाजिक-आर्थिक व्यवधानों के बीच, मानव जाति एक साथ नई उभरती प्रणालियों और प्रक्रियाओं के अनुकूल होना भी सीख रही है। मुझे प्राचीन हिंदू शास्त्रों में वर्णित 'समुद्र मंथन' या 'क्षीर सागर के मंथन' की पौराणिक कहानी की याद आती है। यह मंथन उस अमृत को प्राप्त करने के लिए देवताओं और शैतानों के बीच लड़ी गई एक लड़ाई है जिसे पीकर अमर जीवन मिले। यह लड़ाई उसी तरह की है जिस तरह से आज दुनिया झेल रही है, जहां हम सभी अपने जीवन की रक्षा करने और मानव जाति की भलाई सुनिश्चित करने के लिए COVID-19 रूपी राक्षस से लड़ रहे हैं।

ज़िंदगी के लिये एक जैसी ही अनिश्चितता, संकट और भय है। वास्तव में, इस मंथन से शुरू में निकलने वाले ज़हर की तरह, महामारी भी अपनी चुनौतियों को नये व्यापार मॉडल के लिए अनुकूल होने की आवश्यकता के नाम पर हमारे सामने ला रही है, जैसे जीवन की हानि (मौतें), वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी, बड़े पैमाने पर घबराहट और संकट। हालाँकि, मंथन अंततः हमें हमारी प्राथमिकताओं और काम करने के तरीके को फिर से बनाने में सक्षम होगा, और एक नए विश्व व्यवस्था को परिभाषित करने के लिए रहने यह हमें अमृत प्राप्त करने में मदद करेगा, जिसमें हमें मूलभूत प्राथमिकताओं से अवगत कराया जाएगा। टिकाऊ दुनिया के निर्माण का महत्व, स्वास्थ्य सेवा और सामान्य स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करना, काम करने के नए तरीकों को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, जिसमें शामिल होगा।

COVID-19 का समाधान खोजने का सामान्य कारण व्यक्तियों, संस्थानों, समुदायों, सरकारों और समाज को एक साथ लाना है। इस तरह की सहयोगी पहल को देखते हुए, मुझे आशावाद की भावना मिलती है, क्योंकि मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रौद्योगिकी और सरलता का उन्नत ज्ञान वैश्विक आबादी को इस वायरल हमले से लड़ने और उसे हराने में मदद करेगा। कोई यह तर्क दे सकता है कि मारक पाए जाने से पहले कुछ समय लग सकता है; इस बीच, वैकल्पिक प्रणाली और दृष्टिकोण विकसित किए जा सकते हैं, जो न केवल वर्तमान संकट का प्रबंधन करने में मदद करेगा बल्कि भविष्य में व्यापार करने के नये तरीके भी बनाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव और विभिन्न देश इसका सामना करने के लिये क्या कर रहे हैं?

विभिन्न देशों द्वारा COVID-19 का मुकाबला करने के लिए किये गये उपायों ने कुछ मानक निर्धारित किए हैं। यह कृषि, विनिर्माण और अन्य उद्योग व्यवसायों के लिए कुछ विकल्प प्रदान करता है, ताकि इस तरह के संकट का सामना किया जा सके। उदाहरण के लिये, सिंगापुर में एक आक्रामक संपर्क ट्रेसिंग प्रयास और कानूनी अधिकार है जो लोगों को क्वारन्टीन में लाने का आदेश देता है। इटली में, तत्काल स्वास्थ्य सेवा या काम के कारणों को छोड़कर, देश की 60 मिलियन की पूरी आबादी को उनके घरों से बाहर जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। स्कूलों और विश्वविद्यालयों के साथ-साथ सार्वजनिक समारोहों पर भी अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी तरह, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम और अफ्रीकी देशों ने वैश्विक संकट के इस समय में एकजुटता दिखाई है। वे सभी वैकल्पिक तरीकों, प्रणालियों और प्रक्रिया की खोज कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि व्यापार में निरंतरता है।

वास्तव में, यह 'समुंद्र मंथन' नये रुझानों और अवसरों के संकेत भी दिखा रहा है।

स्वास्थ्य देखभाल (हेल्थकेयर)

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र जैसी अमेरिकी एजेंसियां, वेटिंग रूम भरने से बचने के लिये, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं, जो डॉक्टरों से पहली बार बात करने में असहज महसूस करते हैं। वीडियो या फोन द्वारा दूरस्थ रूप से भारत जैसे देश में रोगियों के लिये इस तरह की स्थायी स्वास्थ्य प्रणाली के साथ सुविधा की कल्पना करें, जो विशेष स्वास्थ्य सेवाओं के लिये दूर के स्थानों से यात्रा करते हैं। वर्तमान भारत में टेलीमेडिसिन में नवजात अवस्था में

है।

कोविड-19 का मुकाबला करने के लिये अमेरिकी प्रशासन द्वारा अपनाई गई प्रणालियां, जब भविष्य के नेटवर्क, 5G के साथ संचालित होगी तो वह भारत में टेलीमेडिसिन को ज़बरदस्त बढ़ावा देगी। यह उद्यमियों को भारत के सुदूर और दुर्गम हिस्सों में बैक-एंड ऑपरेशन स्थापित करने के अवसर भी खोलेगी जो नौकरी के अवसर भी पैदा करेगी।

शिक्षा (एजुकेशन)

केरल सरकार ने घोषणा की है कि वह राज्य भर में अतिरिक्त 5G बैंडविड्थ प्रदान करेगी, क्योंकि वह चाहती है कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन काम करें और सीखें। न्यूजर्सी के सभी जिलों में स्कूल बंद होने की सूरत में ऑनलाइन क्लास की तैयारी कर ली है। एक सहकर्मी ने पिछले सप्ताह के सभी दिन घरों में परीक्षण प्रणालियों को ऑनलाइन सीखने के लिये छात्रों के साथ बिताए। बेशक ई-लर्निंग सुर्खियों में है। क्या यह स्कूली शिक्षा का नया भविष्य हो सकता है? मुझे यकीन है कि यह दुनिया के बाद न्यू नॉर्मल होगा और भारत कोविड-19 के प्रभावों को कम कर सकता है।

कृषि (एग्रीकल्चर)

अमेरिका और दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में, रोबोट पहले से ही कृषि कार्य कर रहे हैं। कोविड-19 ख़त्म होने के बाद, इसमें और तेज़ी आएगी और रोबोट खेती-बाड़ी गतिविधियों में एक पूरी जगह ले लेंगे। कृषि में 5G का इस्तेमाल आगे चलकर, सटीक खेती, स्मार्ट सिंचाई, मिट्टी और फसल की बेहतर निगरानी से लेकर पशुधन प्रबंधन तक संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला में सुधार कर सकते हैं। 5G तकनीक ऊर्जा का त्याग किये बिना कनेक्टिविटी के विस्तार और तेजी लाने का वादा करती है। यह किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा। पशु चिकित्सा, फसल सुरक्षा, उर्वरक उपयोग में कमी और पानी के संरक्षण के लिये स्मार्ट सिंचाई प्रणालियों में पहले से ही फायदेमंद है।

रिमोट वर्किंग (दूर से काम करना)

अमेरिका की मेरी पिछली यात्रा के दौरान, मेरे कई वार्तालाप, कोविड-19 के आसपास केंद्रित थे। मुझे यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारे सामाजिक, कार्य और आवागमन के तरीके में एक सतत परिवर्तन आ रहै है। लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव पहले से ही दिखाई दे रहे हैं। भविष्य का 'कार्यस्थल' हमेशा विकसित होता है और नए विचारों, प्रौद्योगिकी और काम करने की व्यवस्था को समायोजित करने के लिए धीरे-धीरे बदलता रहता है। अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा, हमने अपनी सभी आंतरिक घटनाओं को भी टाल दिया है, जिसमें बड़ी सभाओं की आवश्यकता थी और सभी को प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिये पर्याप्त रूप से प्रोत्साहित किया, जैसे - टेली-प्रेजेंस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग।

कोविड-19 के प्रकोप से पहले की रिपोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उद्योग में 2023 तक 4.48 बिलियन डॉलर के कारोबार का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब यह 2020 में ही उस आंकड़े को छू सकता है। यह एक नई प्रवृत्ति का एक स्पष्ट संकेतक है जो दूरस्थ स्थानों से काम को सक्षम बनाएगा और समर्थन करेगा।

मुझे विकल्पों का एक नया सेट दिखाई दे रहा है जो COVID-19 के प्रबंधन से उभरा है। इनमें से कुछ चीज़ें बेहतर स्वच्छता और स्वास्थ्य, उच्च उत्पादकता, पर्यावरण की स्थिरता, संवेदनशील अर्थशास्त्र, प्रौद्योगिकी के बड़े उपयोग के संदर्भ में अपनी उपयोगिता का प्रदर्शन करने वाली हैं।

एडिटर्स नोट :

दोस्तों! आपने इस आर्टिकल को पढ़ा। टाइमलाइन देखिये और ग़ौर कीजिये। 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉक डाउन का ऐलान किया, उसके अगले दिन यानी 25 मार्च 2020 को यह आर्टिकल, मशहूर अंग्रेज़ी अख़बार Economic Times में छपा। इस आर्टिकल में नई विश्व व्यवस्था का ख़ाका खींचा गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे 5G के इस्तेमाल से हेल्थ केयर, एजुकेशन, खेती-बाड़ी, रिमोट वर्किंग के क्षेत्र में बदलाव आएंगे?

ग़ौर कीजिये, मार्च 2020 में 5G का ज़िक्र आम लोगों में नहीं था मगर न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के समर्थक उस पर गहन चर्चा कर रहे थे। इस आर्टिकल में,

5G तकनीक के ज़रिए घर बैठे इलाज की बात कही गई है। ऐसे मेडिकल एप के ख़ूब विज्ञापन चल रहे हैं।

5G तकनीक द्वारा खेती के क्षेत्र में रोबोट्स के इस्तेमाल की बात कही गई है। अब आप समझ गये होंगे कि किसानों के विरोध के बावजूद सरकार कृषि सुधार क़ानून लागू करने पर क्यों अड़ी हुई है?

स्कूल बंद होने और 5G के ज़रिए ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात की गई है। कई कंपनियों ने ई-एजुकेशन सेवा देनी शुरू कर दी है।

भविष्य में कर्मचारी घर से ही काम करेंगे, यह बताया गया है। ऑनलाइन मीटिंग के काफ़ी विकल्प आ चुके हैं जिनका लोग इस्तेमाल भी कर रहे हैं। 5G के बाद उसमें और बढ़ोतरी होगी।

सिनेमाघर बंद हैं और बड़े बजट की फिल्में भी ओवर द टॉप OTT प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हो रही हैं। लोग सब्सक्रिप्शन फीस देकर नेटफ्लिक्स जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स पर फिल्में और वेब सीरीज़ देख रहे हैं।

5G से जुड़े बहुत सारे सवाल लोगों के मन में हैं। हम आइंदा ब्लॉग्स में उनकी सच्चाई बयान करेंगे, इन् शा अल्लाह! अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे ज़्यादा से ज़्यादा शेयर कीजिये।

वस्सलाम,
सलीम ख़िलजी
(एडिटर इन चीफ़, आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप/टेलीग्राम : 9829346786

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Comments (5)
Nafees Khan

Bahut a cha article he Education ke talluq se me to bahut dino se kehta chala aaraha hun ke ham tamaam emaan wale bhaiyon ko mil kr ke apna sab kuch tayyar karne ki zaroorat he

Mon 10, May 2021 · 03:30 pm · Reply
Saleem Khilji · Editor-in-Chief

Abrar khan
क्या 5G से जो रेडिएशन निकलते हैं उस से इंसान को कोई ख़तरा है या नहीं? कृपया इसका उत्तर अवश्य दीजिएगा।

5G टावर से 4G टावर के मुक़ाबले में हीट यानी गर्मी ज़्यादा निकलती है। इसके रेडिएशन के बारे में फैलाई जा रही बातें सही नहीं है। इसके बारे में हम रेफरेंस के साथ और भी ब्लॉग्स लिखेंगे, जिनमें 5G से जुड़े सभी अच्छे-बुरे पहलुओं पर चर्चा की जाएगी, इन् शा अल्लाह!

Mon 10, May 2021 · 12:58 am · Reply
Shoukat ali tak

मानव जीवन से खिलवाड़ है ये तो

Sun 09, May 2021 · 10:39 am · Reply
Abrar khan

क्या 5G से जो रेडिएशन निकलते हैं उस से इंसान को कोई ख़तरा है या नहीं? कृपया इसका उत्तर अवश्य दीजिएगा।

Sat 08, May 2021 · 10:55 pm · Reply
Liyakat Ali khan Sherani

Very informative article Sir 🌹🌹🌹

Sat 08, May 2021 · 07:55 pm · Reply