असम-मिजोरम सीमा विवाद हिंसा और भास्कर की भड़काऊ पत्रकारिता

दैनिक भास्कर अख़बार के कार्यालयों पर आयकर विभाग का छापा पड़ा तो उसने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कड़ी हेडलाइंस लगाकर ख़बरें छापी। दैनिक भास्कर ने ख़ुद को निष्पक्ष पत्रकारिता का अलमबरदार बताया था। आज के इस आर्टिकल में हम दैनिक भास्कर की चिरपरिचित साम्प्रदायिक सोच को उजागर करने की कोशिश करेंगे।

दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपी इस ख़बर के स्क्रीनशॉट को देखिये। अख़बार ने लिखा है, असम के सीमावर्ती इलाकों के ज्यादातर रहवासी बंगाली हैं, मुख्य रूप से मुस्लिम। मिजोरम के लोग उन्हें शक की नजर से देखते हैं। उनका आरोप है कि बिना कागजों वाले यह माइग्रेंट्स उनके राज्य में आकर जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में मुस्लिम आबादी हिंदू आबादी के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ी है। मिजोरम में मुस्लिम आबादी 1991-2001 के बीच 122.54% बढ़ी है। 2001 में जब जनगणना हुई तो मुस्लिम आबादी 10,099 थी। वह कुल आबादी का महज 1.3% थी। भले ही यह संख्या ज्यादा न हो, पर घुसपैठ को मिजो आदिवासी अपनी संस्कृति पर हमला मानते हैं। इसी वजह से वह सीमाई इलाकों में रहने वाले बंगालियों से नाराज रहते हैं।

दैनिक भास्कर के अनुसार मिजोरम में मुस्लिम आबादी बेतहाशा बढ़ी है। क्या यह बात सच है? आइये जानने की कोशिश करते हैं।

मिजोरम के जनसंख्या आंकड़े

गूगल पर मिजोरम की आबादी के बारे में सर्च करने पर जो जानकारी हाथ लगी है, उसे आप ऊपर दी गई इमेज में देख सकते हैं। सच आपके सामने है।

मिजोरम में कुल आबादी लगभग 11 लाख है। वहाँ ईसाई आबादी सबसे ज़्यादा है। राज्य में ईसाई 956,331 (आबादी का 87.16 प्रतिशत) हैं। बौद्ध 93,411 (8.51 प्रतिशत), हिन्दू 30,136 (2.75 प्रतिशत), मुसलमान 14,832 (1.35 प्रतिशत), जैन 376 (0.03 प्रतिशत) , सिख 286 (0.03 प्रतिशत), 808 लोग अन्य धर्मों के हैं और 1,026 लोगों की धर्म की जानकारी नहीं है।

अब हम आपको बताना चाहते हैं कि असम-मिजोरम सीमा पर क्या हुआ है और वहाँ की सरकारें क्या कह रही हैं?

सोमवार 26 जुलाई 2021 को असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद में असम के 5 पुलिसकर्मियों समेत 6 लोगों की मौत हुई। यह विवाद तब भड़का जब असम की पुलिस बराक वैली के कुछ इलाकों से मिजोरम द्वारा किये गये कथित अतिक्रमण को हटाने के लिये गई थी।

असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, जब मैंने कार्यभार संभाला तो मैंने सीमा विवाद के जल्द समाधान के लिए मिजोरम के मुख्यमंत्री को चिट्‌ठी लिखी। हमारे बीच बातचीत चल ही रही थी कि मिजोरम पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसकी वजह से लोग हताहत हुए। अगर संसद कल ही क़ानून बना दे कि बराक वैली को मिजोरम को दिया जाए तो मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है। जब तक संसद यह फैसला नहीं लेती, मैं किसी को भी असम की जमीन नहीं लेने दूंगा।

असम के मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर असम पुलिस के सिपाहियों की मौत पर जश्न मनाते हुए मिजोरम के सुरक्षा बलों का एक वीडियो भी पोस्ट किया और कड़ी टिप्पणी भी की, जिसका स्क्रीनशॉट आप देख सकते हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का ट्वीट

इस ट्वीट में असम के मुख्यमंत्री ने लिखा, असम के 5 पुलिसकर्मियों की हत्या और कई को घायल करने के बाद मिजोरम पुलिस और गुंडे ऐसे जश्न मना मना रहे हैं। दुखद और भयावह।

एक अन्य ट्वीट में सरमा ने लिखा, इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस के जवानों पर लाइट मशीन गन (LMG) का इस्तेमाल किया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और उनकी मंशा को दर्शाता है।

असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर भिड़ते नज़र आए। ग़ौरतलब है कि दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं।

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने पुलिस और आम लोगों के बीच हुई झड़प का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में फौरन दखल देने की मांग की है। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि असम की पुलिस ने आम लोगों पर आंसू गैस के गोले और लाठियां बरसाई हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को टैग करते हुए लिखा, 'मैंने अभी-अभी मिजोरम के CM जोरमथंगा जी से बात की है। असम दोनों राज्यों की सीमा पर यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा। जरूरत पड़ी तो मैं खुद बात करने के लिए आइजोल जाऊंगा।'

सरमा ने एक और ट्वीट किया, 'जोरमथंगा जी, कोलासिब (मिजोरम) के SP ने हमसे कहा है कि जब तक हम अपनी पोस्ट से पीछे नहीं हट जाते, तब तक उनके नागरिक हिंसा नहीं रोकेंगे। ऐसे हालात में सरकार कैसे चला सकते हैं?'

इसके बाद उन्‍होंने अमित शाह और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए लिखा है, 'आशा है कि आप जल्‍द से जल्‍द दखल देंगे।'

मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा का ट्वीट

इस ट्वीट के जवाब में जोरमथंगा ने ट्वीट किया, हिमंत जी, अमित शाह जी ने दोनों मुख्‍यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक कराई थी। उसके बाद आश्‍चर्यजनक रूप से आज मिजोरम में वेरिंगटे ऑटो रिक्‍शा स्‍टैंड के पास असम पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ आईं और वहां मौजूद नागरिकों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया। उन्‍होंने CRPF और मिजोरम पुलिस के जवानों को भी खदेड़ दिया।'

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा के बयानों को पढ़िये और दैनिक भास्कर की रिपोर्टिंग को देखिये। पूरा सच (Complete Truth) आपके सामने है। तथ्यों से परे जाकर घटिया क़िस्म की पत्रकारिता करना दैनिक भास्कर की पहचान रही है। दैनिक भास्कर पर सरकार की टेढ़ी नज़र क्यों हुई, इस पर हम कल एक आर्टिकल पब्लिश करेंगे, इन् शा अल्लाह!

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सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़
आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क
जोधपुर राजस्थान

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Comments (3)
Mubarak ali

SAZID MODI
Marsha Allah.. बहुत खूब लिखा है आपने ! ऎसे ही सच उजागर करते रहिये

good

Fri 30, Jul 2021 · 11:09 am · Reply
SAZID MODI

Marsha Allah.. बहुत खूब लिखा है आपने ! ऎसे ही सच उजागर करते रहिये

Wed 28, Jul 2021 · 11:43 pm · Reply
Mustak Ali

अहम मुद्दे पर सटीक रिपोर्टिंग..., शुक्रिया...

Wed 28, Jul 2021 · 09:13 pm · Reply