रवांडा नरसंहार का फरार मुजरिम गिरफ़्तार

  • Sun, 17 May 2020
  • Desh
  • Adarsh Muslim Beuro


क़रीब 25 साल पहले अफ्रीकी देश रवांडा में एक ऐसा नरसंहार देखा गया जिसकी कहानियां सुनकर आज भी किसी की रूह कांप सकती है। साल 1994 में पूरे देश में एक हेट कैंपेन चला और 100 दिन के अंदर कम से कम 8 लाख लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। (इसके बारे में विस्तार से जानकारी हमारे ब्लॉग पेज पर 9 अप्रैल 2020 को रेडियो रवांडा बनाम वर्तमान मीडिया : क्या ये तुलना सही है? शीर्षक से पब्लिश की गई थी, उसे भी पढ़ें)। उस नरसंहार को फंड करने के आरोपी और पूरी दुनिया में मोस्ट वॉन्टेड बिजनसमैन फेलिसियन काबुगा (Felicien Kabuga) को आखिरकार फ्रांस में गिरफ्तार कर लिया गया है। करीब ढाई दशक से उसकी तलाश कर रही एजेंसियां इस कार्रवाई को इंसाफ की ओर एक कदम मान रही हैं।

अल्लाह तआला को ज़ुल्म हर्गिज़ पसंद नहीं है। ज़ालिम कोई भी हो, कितना भी बड़ा हो, लेकिन देर-सवेर उसको सज़ा मिलती है। ऐसी ही एक मिसाल है, फेलिसियन काबुगा जो किसी ज़माने में रवांडा का सबसे अमीर व्यापारी था। फेलिसियन काबुगा को फ्रांस की राजधानी, पैरिस से गिरफ्तार किया गया। फ्रांस की जस्टिस मिनिस्ट्री ने बताया है कि वह फर्जी पहचान से पैरिस के पास एक फ्लैट में रह रहा था। उसे अब पैरिस अपील कोर्ट और बाद में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ हेग में पेश किया जाएगा। अफ्रीका के इस मोस्ट वॉन्टेड को यूनाइटेड नेशन्स के इंटरनैशनल क्रिमिनिल ट्राइब्यूनल फॉर रवांडा ने 1997 में नरसंहार, नरसंहार में साथ देने, नरसंहार के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। अमेरिका ने भी उस पर 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।

6 अप्रैल 1994 की रात, रवांडा के तत्कालीन राष्ट्रपति जुवेनल हबयरिमना के प्लेन पर हमला कर दिया गया और प्लेन में सभी लोगों की मौत हो गई। हूतू कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यक तुत्सी समुदाय के संगठन RPF पर इसका आरोप लगाया और हिंसा शुरू हो गई। लगभग 100 दिन तक चले इस नरसंहार में क़रीब 8 लाख लोगों की हत्या हुई थी। अल्पसंख्यक तुत्सी समुदाय की औरतों को सेक्स स्लेव बनाकर रखा गया था। हालात यहां तक हिंसक हो गए थे कि रेडियो स्टेशन्स और अखबारों पर हेट कैंपेन चलाया गया। रवांडा नरसंहार के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें।

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