पूर्वोत्तर में नागरिकता बिल का विरोध और तेज़
यहाँ दी गई फोटो में आप देख रहे हैं कि मिज़ोरम के इन प्रदर्शनकारियों ने जो तख्ति हाथ में उठा राखी है, उस पर लिखा है, "हेलो चाइना, बाय-बाय इण्डिया"
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत नागरिकता बिल पर मोदी सरकार की चाहे कितनी ही तारीफ़ करें लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि मिजोरम भाजपा प्रमुख जॉन वी लूना ने धमकी दी है कि केंद्रीय नेतृत्व अगर पूर्वोत्तर के लोगों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पास कराने की दिशा में आगे बढ़ता है तो वह पार्टी की राज्य इकाई को भंग कर देंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि मिजोरम के लोग और उनकी सुरक्षा प्राथमिक महत्व की चीज है.
लूना ने संवाददाताओं को बताया, ‘भाजपा राज्य इकाई का गठन मिजोरम के लोगों के हितों की रक्षा के लिये हुआ था. केंद्रीय नेतृत्व अगर प्रस्तावित संशोधन को कानूनी रूप देने का फैसला करता है तो राज्य इकाई के पास खुद को भंग करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहेगा.’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क किया था और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से इस विधेयक को रद्द करने का अनुरोध किया था.
नागरिकता संशोधन का पूर्वोत्तर के राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है. इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, बौद्ध और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.