मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम खुला पत्र

  • Sat, 16 Feb 2019
  • National
  • Abbas Pathan

सेवा में,

श्रीमान मुख्य चुनाव आयुक्त,
भारत सरकार, नई दिल्ली

विषय : गाय जैसे पवित्र प्राणी को मताधिकार प्रदान करने बाबत

महोदय,

जैसा कि आपको ज्ञात है कि गाय "राष्ट्रीय सुरक्षा" का मुद्दा बन चुकी है। मनुष्य की हत्या पर "रासुका" जैसा कठोर कानून नहीं लगाया जाता किन्तु गाय की हत्या के आरोप-मात्र पर "रासुका" लगाया जा रहा है। अतः मेरी आपसे सादर प्रार्थना है कि गाय को मताधिकार प्रदान किया जाए।

गाय हमारे लिये अत्यंत महत्वपूर्ण प्राणी है। गाय का बीमा होता है, गाय के कल्याण हेतु करोड़ों का बजट भी पारित किया जा रहा है। गाय के नाम से अब तो मंत्रालय भी है और हो भी क्यों नहीं, आखिर वो गाय ही तो है जिसके कारण हमें ब्रिटिश सरकार से आज़ादी मिली। सन 1857 में यदि भारतीय मूल के सैनिकों के कारतूस में गाय की चर्बी न आती तो वे शायद ही विद्रोह करते और हमें स्वतंत्रता हर्गिज़ नहीं मिलती। आज़ादी की पहली लड़ाई जिसके किस्से, किताबों में कलमबद्ध है वो गाय की बदौलत ही लड़ी गई वरना ब्रिटिश सरकार के उपनिवेशवाद से तकलीफ ही किसे थी? अंतकाल तक 565 देशी रिसायतें ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन ही थी । स्पष्ट है कि गाय ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की सूत्रधार थी। कम्पनी ने यदि गाय की चर्बी न इस्तेमाल की होती तो हम भारतीयों को होश आना मुश्किल था। गाय के पावन रक्त से आज़ादी की तकदीर लिखी गई है।

मैं दृढ़ तर्कों के साथ अपनी मांग मनवाने का जोखिम लेते हुए कहना चाहता हूँ कि मनुष्य की जान की कीमत जहाँ दो टके की भी नहीं, वहीं गाय का गोबर कोहिनूर से कीमती है तो ऐसे में पवित्र प्राणी गाय को क्यों मताधिकार से वंचित रखा जाए?

मेरा विश्वास है कि गाय के मत से चुनी गई सरकार से सभी राजकीय कार्यों में पवित्रता आएगी। चुने गए सांसद विधायको को भी गाय पर हाथ रखकर शपथ दिलवाई जाए ताकि वे अपने कर्तव्य के प्रति अधिक ऊर्जावान एवं ईमानदार बने रहें। शपथ इस प्रकार हो कि, "मैं गौमाता के सर पर हाथ रखकर शपथ लेता हूँ कि पूरी धर्मपरायणता के साथ गौ माता की रक्षा करूंगा। अपने क्षेत्र में आने वाली गौशालाओं में चारा, गट्टी,लपसी की कोई क़िल्लत नहीं आने दूँगा।"

समस्त पार्टियोंके चुनावी घोषणा-पत्र में "गौ-कल्याण" की योजनाओं को अनिवार्य किया जाए जैसे सभी महानगरों में "गऊ-गोबर अनुसंधान केंद्र, चारा-गट्टी गोदाम, गौ अपराध पुलिस थाना, गौ चिकित्सालय, गौचर भूमि" की स्थापना योजनाबद्ध हो। गौपालकों एवं किसानों को स्पष्ट निर्देश दिए जाए कि गाय को डंडा मारने पर 5 साल की कैद और दुत्कारने पर गैर-ज़मानती धाराएं लगाई जाएगी। गाय को पशु कहने, लिखने, बोलने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए । एससी-एसटी एक्ट 1989, पोक्सो एक्ट, पोटा, मकोका, यूपीकोका, इत्यादि कठोर कानूनों की तरह "गाय-बैल अत्याचार निवारण अधिनियम 2019" पारित किया जाए। गाय को वो समस्त अधिकार प्रदान किये जाएं, जो भारतीय मनुष्य को प्राप्त हैं। लोकतंत्र का पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा स्तम्भ, गाय के आगे नतमस्तक है। ऐसे में यही सबसे उपयुक्त मार्ग है कि गायों को मताधिकार प्रदान किया जाए।

प्रार्थी,
अब्बास पठान
(भारत माता की सौतेली औलाद)