मैं जन्नत में जाऊंला, मैं शिर्क कोनी करयो।

  • Tue, 10 Mar 2020
  • National
  • Saleem Khilji

सगाई में लाडू जरूरी समझूँ,
तारीख सुणाऊँ तो नारेल चईजे,
रसमां ऐ सब गैरा री, म्है भी जाणू,
पण मैं शिर्क कोनी करयो।

मैं जन्नत में जाऊंला, मैं शिर्क कोनी करयो।

डीजे संग बारात ले जाऊ,
बम-पटाखां ने लाय लगाऊं,
भंगड़ा-ढोल संग बींदणी लाऊं,
पण मैं शिर्क कोनी करयो।

मैं जन्नत में जाऊंला, मैं शिर्क कोनी करयो।

फिजूलखरच शैतान रो भाई,
शादी-ब्याह में होवै घणी रे बेहयाई,
गैर कौमां री म्है करूं बराबरी,
पण मैं शिर्क कोनी करयो।

मैं जन्नत में जाऊंला, मैं शिर्क कोनी करयो।

टाबर-टोळी धारे कोनी, ऐड़ी बाप री पावर,
लुगाई म्हारे कालां में कोनी, म्है धणी ऐड़ो जोरावर,
काम घणा म्है खोटा करया,
पण मैं शिर्क कोनी करयो।

मैं जन्नत में जाऊंला, मैं शिर्क कोनी करयो।

सगळा गुनाह माफ़ म्हारा, म्है पक्को अहले-हदीस,
जबान खैंच लूं-ला थारी, जे कैयो मने खबीस,
मूंडो समाल ने बात करजे, म्है बोली रो फोरो,
पण म्है शिर्क कोनी कोनी करयो।

मैं जन्नत में जाऊंला, मैं शिर्क कोनी करयो।