चीन ने असभ्य तौर-तरीक़ों पर लगाया प्रतिबंध

  • Tue, 28 Apr 2020
  • National
  • Saleem Khilji

कोरोना के बढ़ते क़हर के बीच चीन सरकार को साफ-सफ़ाई की अहमियत का एहसास हुआ है। साफ़-सफ़ाई को बढ़ावा देने के लिए असभ्य तौर-तरीक़ों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आज के ब्लॉग में इसी पर चर्चा की गई है।

कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में साफ़-सफ़ाई बनाए रखने के उद्देश्य से चीन में एक नियमावली जारी की गई है। समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से यह क़दम उठाया गया है।

इन नियमों का मक़सद लोगों को सभ्य व्यवहार के प्रति प्रोत्साहित करना करना है। इसे कोरोना वायरस महामारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है जिसके देश में अभी तक 82 हज़ार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

क्या है गाइडलाइंस में?

■ छींकते या खाँसते समय मुंह पर हाथ या टिश्यू पेपर/रुमाल रखना ज़रूरी होगा।

■ सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनना ज़रूरी होगा। ऐसा नहीं करने वालों (ख़ास तौर पर अगर वे अस्वस्थ हैं तो) को भी हर्जाना देना होगा।

■ सार्वजनिक जगहों पर एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी का पालन करना भी ज़रूरी होगा।

■ लोगों को साफ़ कपड़े पहनने और नंगे बदन (शर्टलेस) ना घूमने को कहा गया है।

■ असभ्यता की श्रेणी में रखे जाने वाले व्यवहार जैसे कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, कूड़ा-करकट फेंकने, कहीं भी कुत्ते को खुला छोड़ देने, ऊंची इमारतों से सामान फेंकने, खुली जगहों पर शौच करने और धूम्रपान करने को लेकर अब चीन में बेहद सख़्ती अपनाई जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन नियमों की अनदेखी करने वाले को जुर्माना भरना होगा।

बहुत अच्छी बात है। चीन सरकार ने पाकीज़गी (साफ़-सफ़ाई) की अहमियत को महसूस किया। इस्लाम ने पाकीज़गी को आधा ईमान कहा है। जिन आदतों को लागू करवाने के लिये चीन सरकार ने अब गाइडलाइंस जारी की है, वो इस्लाम में पहले से मौजूद हैं।

इस ब्लॉग के ज़रिए हम तमाम लोगों से, ख़ुसूसन मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हैं कि इस बीमारी से लड़ने के लिये और आइंदा बीमारियों से बचने के लिये पाकीज़गी को अपनी ज़िंदगी का एक हिस्सा बना लें।