भीख मांगे बेटी का बाप, मेरी मदद करो

  • Sun, 15 Mar 2020
  • National
  • Saleem Khilji

बेटी मेरी जवान हो गई,
ब्याह उसका करना है।
दहेज के सामान लाना है,
दावते-बारात करना है।।

खाली हाथ न जाओ तुम, कुछ तो रहम करो।
भीख मांगे बेटी का बाप, मेरी मदद करो।।

कुछ लोग हिकारत से देखे,
कोई दस-बीस रुपये फैंके।
मालदारों ने ऐसे रिवाज बनाए,
कि ग़रीब को ही मरना है।।

चंद रुपयों से क्या होगा, थोड़ा और करो।
भीख मांगे बेटी का बाप, मेरी मदद करो।।

दहेज शादी की शर्त नहीं,
दावते-बारात का हुक्म नहीं।
बात नबी की मान लो तुम सब,
सबको इक दिन मरना है।।

चुप क्यूं हो तुम मौलाना, ये ख़ुत्बा तो करो।
भीख मांगे बेटी का बाप, मेरी मदद करो।।

शादी सबकी हो मस्जिद में,
ये बात बहुत अच्छी है।
गरीब-अमीर सब निभ जाएं,
ऐसा काम सबको करना है।

हाथ फैलाते हुए कलेजा कांपे, तुम महसूस करो।
भीख मांगे बेटी का बाप, मेरी मदद करो।