वसीम रिज़वी के ख़िलाफ़ किन-किन धाराओं के तहत क़ानूनी कार्रवाई की जा सकती है?
■ धारा 124-A : राजद्रोह (देशद्रोह)
वसीम रिज़वी ने किसी दुर्भावना के तहत भारतीय मुसलमानों के मन में, देश के सम्मानित सुप्रीम कोर्ट एवं वोटों द्वारा चुनी गई सरकार के प्रति, अनादर पैदा करने की हरकत की है। इसलिये उसके ख़िलाफ़ धारा 124-A के तहत राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिये।
■ धारा 125 : भारत के एशियाई मित्र देशों में, भारत के प्रति नफ़रत का भाव पैदा करने का अपराध।
भारत सरकार सभी धर्मों और उनके धार्मिक ग्रंथों का आदर-सम्मान करती है। क़ुरआन की आयतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट को बीच में घसीटकर वसीम रिज़वी ने भारत सरकार की छवि मुस्लिम देशों में ख़राब करने का भी अपराध किया है।
■ धारा 153-A : विभिन्न समुदायों के दुश्मनी, घृणा, वैमनस्यता फैलाना।
वसीम रिज़वी ख़ुद को शिया कहते हैं। उसके क़ुरआन के बारे में दिये गये बयान के कारण शिया-सुन्नी टकराव की स्थिति पैदा हुई।
■ धारा 153-B : राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन लगाना।
वसीम रिज़वी ने धर्म, मूलवंश, भाषा, जाति या समुदाय विशेष को उनके संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित करने हेतु बयान दिया है।
■ धारा 192 : झूठे साक्ष्य गढ़ना
वसीम रिज़वी ने बिना किसी तथ्य के इस्लाम धर्म की सर्वमान्य (सभी फ़िरक़ों व मसलकों में एक राय से मंज़ूरशुदा) किताब क़ुरआन में हेरफेर करने का आरोप लगाया और झूठे साक्ष्य पेश करने की कोशिश की।
■ धारा 268 : लोक न्यूसेंस पैदा करना
■ धारा 295-A : धर्म व धार्मिक विश्वास का अपमान करना
वसीम रिज़वी ने क़ुरआन पर आक्षेप लगाकर इस्लाम धर्म का अपमान किया। झूठे प्रोपेगैंडा के ज़रिए सम्पूर्ण मुस्लिम की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का भी अपराध किया है।
■ धारा 298 : धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द उच्चारित करना
■ धारा 499 : मानहानि
वसीम रिज़वी ने इस्लामी जगत के दिवंगत आदरणीय ख़लीफ़ाओं के बारे में झूठे आरोप लगाकर मानहानि का अपराध किया है। गौरतलब है किसी जीवित व्यक्ति के समान, किसी मृत व्यक्ति की मानहानि करने पर भी मुक़द्दमा किया जा सकता है।
■ धारा 504 : शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर किया गया अपमान
■ धारा 505: सार्वजनिक उपद्रव के लिए दिया गया बयान
*क़ुरआन की 26 आयतों को उसके मूल संदर्भ से काटकर, उनके ग़लत अर्थ पेश करके, वसीम रिज़वी ने साम्प्रदायिक वैमनस्यता फैलाकर उपद्रव कराने की कोशिश की है।
इन सभी मामलों के चलते वसीम रिज़वी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आपराधिक मामले दर्ज कराए जा सकते हैं। हमारी ओर से सलाह दी जाती है कि कोई भी मुक़द्दमा या इस्तगासा पेश करने से पहले किसी अच्छे वकील से परामर्श लें।
अपने केस को मज़बूत बनाने के लिये वसीम रिज़वी के बयान का वीडियो और उसका ट्रांसक्रिप्शन (लिखित रूप) थाना अथवा कोर्ट में पेश करें।
इसके साथ ही कुछ गवाहों के हलफनामे भी पेश करें जो यह गवाही दें कि वसीम रिज़वी के बयानों से उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है।
हम इस ब्लॉग के ज़रिए, देश के सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि एकदम अहिंसात्मक तरीक़े से वसीम रिज़वी के ख़िलाफ़, अपने-अपने शहर में क़ानूनी कार्रवाई करें। किसी भी प्रकार का भड़काऊ बयान देकर क्रॉस केस की स्थिति पैदा न करें।
हमारे कहने का मतलब यही है कि एकदम शांतिपूर्ण तरीक़े से इस समाज कंटक इंसान की चालों को नाकाम करना है। इस ब्लॉग को शेयर करके शांति व सद्भाव क़ायम रखते हुए वसीम रिज़वी के प्रोपेगैंडा को नाकाम करें।
शुक्रिया वस्सलाम,
सलीम ख़िलजी
(चीफ़ एडिटर आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
जोधपुर राजस्थान
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