ताली व थाली बजाकर डॉक्टरों का हौसला बढ़ाने की सच्चाई

दैनिक जागरण (23 मार्च 2020, वाराणसी) की इस ख़बर को देखिए। इसमें हिंदू धर्म शास्त्रों के हवाले से दावा किया गया है कि ताली, थाली, घण्टा-घड़ियाल बजाने से आसुरी (राक्षसी) शक्तियों का नाश होता है।

इस ख़बर में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय पांडे का बयान छपा है। उन्होंने दुर्गा सप्तशती के एक श्लोक का हवाला दिया जिसमें कहा गया है, हे देवी, घण्टा व शंख से हमारी रक्षा करो।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गंगाधर पंडा ने नित्य कर्म पूजा प्रकाश में उल्लेखित श्लोक का हवाला दिया जिसमें कहा गया है, हे घण्टे, देवताओं के आगमन और असुरों को भगाने के लिए तुम देवस्थानों में उच्च स्वर से ध्वनि करो।

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के प्रोफेसर पंडित रामनारायण द्विवेदी ने शास्त्रों के हवाले से कहा, इससे संक्रामक विषाणुओं जैसी आसुरी शक्तियों का नाश होता है।

22 मार्च 2020 के ताली वादन-थाली वादन के पीछे का सच सबूतों के साथ आपके सामने पेश है। कुछ दिनों बाद जब कोरोना कंट्रोल हो जाएगा तो उसका क्रेडिट ताली, थाली, घण्टा, शंख आदि बजाने को दिया जाएगा।

लेकिन भक्तगण अब भी अंधभक्ति छोड़ेंगे, हमें संदेह है।

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