सब बीमार हैं
व्हाट्सएप पर एक मज़ाकिया पोस्ट पढ़ने को मिली। उसमें एक सवाल था, कोरोना कैसे होता है? उसी पोस्ट में उसका जवाब यह लिखा हुआ था, जाँच कराने से।
अब आप समझ गये होंगे कि हमने इस ब्लॉग का शीर्षक सब बीमार हैं क्यों रखा? अगर हम अस्पताल जाकर अपनी कंप्लीट जाँच करवा लें तो कोई न कोई बीमारी सामने आ ही जाएगी। यह एक सच्चाई है कि आज के दौर में हर इंसान बीमार है। किसी को जिस्मानी बीमारी है तो किसी के दिमाग़ में बीमारी है। अगर कोई तंदुरुस्त रहकर जीना भी चाहे तो उसका कोई रिश्तेदार उसके दिमाग़ में कोई बीमारी डाल देता है।
एक बहुत ही प्यारा गाना है, दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है। उम्र भर का ग़म हमें इनाम दिया है।
इसी गीत का एक बोल है, बनकर रक़ीब बैठे हैं वो जो हबीब थे, यारों ने ख़ूब फ़र्ज़ को अंजाम दिया है।
मज़दूर, फुटपाथ पर अख़बार बिछाकर भी सो जाता है और किसी को आरामदायक कमरे में भी नींद नहीं आती। मज़दूर, सर पे ईंट ढोते हुए न जाने कितने चक्कर लगा लेता है और किसी को घरेलू काम करते-करते थकान हो जाती है।
अल्लाह की नाशुक्री सबसे बड़ी बीमारी है। ज़्यादातर लोग इसमें मुब्तला हैं। जो इससे बचे हुए हैं, उन्हें बीमार करने के लिये "दोस्त-रिश्तेदार नामक वायरस" है ही। इनकी मेहरबानी से डॉक्टरों का धंधा बहुत अच्छा चल रहा है। जाँच लैब्स के पास भी "काम की कमी" नहीं है।
बहरहाल! तंदुरुस्ती हज़ार नेअमत है। हर वो इंसान तंदुरुस्त है जो अपने रोज़मर्रा के काम कर लेता है, अल्लाह की इबादत पाबंदी के साथ कर लेता है और अपने दिमाग़ में कोई बीमारी नहीं आने देता। ख़ुश रहो, तंदुरुस्ती अपने आप आ जाएगी।
भारत की आबादी अमेरिका के मुक़ाबले में पाँच गुना ज़्यादा है लेकिन हमारे देश मे कोरोना के मरीज़, अमेरिकी आबादी के परसेंटेज के ऐतबार से बहुत कम निकले। वजह क्या है? ज़्यादातर भारतीयों की जाँच ही नहीं हुई। अगर उनको कोरोना वायरस संक्रमण हुआ भी होगा तो जाँच न होने के कारण पता ही नहीं चला। हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक सिस्टम ने कोरोना वायरस को बेअसर कर भी दिया होगा और हमें पता भी न चला।
नाशुक्री और मायूसी सबसे बड़ी बीमारियां हैं। जो दिमाग़ में नाशुक्री के बीज डालता है वो सबसे बड़ा वायरस है। इसलिये हमारी सलाह है, जो आपको बीमार साबित करने में तुले हों, उनसे मुकम्मल परहेज़ कीजिये। ऐसे लोगों को सिर्फ़ मोबाइल से नहीं बल्कि ज़िंदगी से ब्लॉक कर दीजिये।
हमारे साथ भी बहुत सारी परेशानियां हैं लेकिन अल्लाह का एहसान उनसे ज़्यादा है। अल्लाह की मेहरबानी से हमने हर नकारात्मक व्यक्ति को ब्लैक लिस्टेड कर रखा है। अंत में हमारा कहना यही है कि अपनी सोच पॉज़िटिव रखिये तो सब ठीक होगा। इस ब्लॉग को शेयर करके पॉज़िटिव एनर्जी फ़ैलाने में हमारी मदद कीजिये।
सलीम ख़िलजी
(चीफ़ एडिटर आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
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