रामपुर की पूर्व सांसद नूर बानो ने जौहर यूनिवर्सिटी के बारे में क्या कहा था?
यह वीडियो 15 अगस्त 2021 का है। इसमें रामपुर के नवाब ख़ानदान से तअल्लुक़ रखने वाली कांग्रेस की पूर्व सांसद मोहतरमा नूर बानो ने, रामपुर के वर्तमान सांसद और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म ख़ान के बारे में अपनी नफ़रत का खुलकर इज़हार किया है। इस वीडियो पर चर्चा से पहले बहुत थोड़ी-सी जानकारी रामपुर के बारे में।
रामपुर भारत की उन 550 रियासतों में से एक है जिन्होंने आज़ादी के बाद भारत गणराज्य में मिलने का फ़ैसला किया था। रामपुर अपने दौर की एक ताक़तवर और धनवान मुस्लिम रियासत थी। रामपुर नवाब के वारिसों को करोड़ों रुपयों की जायदाद विरासत में मिली।
देश के पहले शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मौलाना अबुल कलाम आज़ाद रामपुर के पहले सांसद थे। उनके बाद अब तक के लोकसभा चुनावों में ज़्यादातर सांसद रामपुर के नवाब ख़ानदान से रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं, बेगम नूर बानो, जो 1996 से 1998 और 1999 से 2004 तक रामपुर की सांसद रहीं।
रामपुर की राजनीतिक विरासत पर विस्तार से आइंदा किसी आर्टिकल में चर्चा करेंगे, इस बार बात मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के यूपी सरकार द्वारा टेक ओवर किये जाने के मसले पर रामपुर के नवाब ख़ानदान की ओपिनियन पर।
जो वीडियो इस आर्टिकल के साथ दिया गया है उसमें मोहतरमा नूर बानो से साफ़ लफ़्ज़ों में अपनी बात कही है। जब उनसे पूछा गया कि आज़म ख़ान पर क़ानूनी कार्रवाई क्या मुस्लिम लीडरशिप को दबाने की कोशिश है? तो उन्होंने कहा, जो आदमी ग़लत काम करेगा, भेदभाव फैलाएगा और आपस में झगड़ा कराने की कोशिश करेगा, उसको सज़ा मिलनी चाहिये। उन्होंने (आज़म ख़ान ने) ये किया है।
जौहर यूनिवर्सिटी के गेट तोड़ने और यूनिवर्सिटी के बारे में उन्होंने कहा, कोई (गेट) तोड़ नहीं रहा है। सरकार उसको ले ले। सरकार की और भी तो कई यूनिवर्सिटियाँ चल रही हैं। ऐसे किसी को तकलीफ़ क्या है? यूनिवर्सिटी चलेगी, बच्चे भी पढ़ेंगे। सरकार चलाएगी तो क्या हर्ज है? बच्चों को तो पढ़ने से मतलब है, किसकी है वो चीज़ उससे थोड़े ही मतलब है?
उन्होंने स्कूलों की मिसाल देते हुए आगे यह भी कहा, बच्चे यूनिवर्सिटी से पढ़कर निकलेंगे, अपनी ज़िंदगी बनाएंगे। यूनिवर्सिटी चाहे सरकार के हाथ में हो या किसी और के हाथ में, क्या फ़र्क़ पड़ता है? बेगम नूर बानो के पूरे बयान को आप इस वीडियो में देख-सुन सकते हैं।
बेगम नूर बानो ने आज़म ख़ान के उस बयान को बचकानी बात बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि ये लोग मुस्लिम बच्चों के हाथ से क़लम छीनना चाहते हैं।
इस इंटरव्यू में बेगम नूर बानो बार-बार यह कहती सुनाई देती है कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को सरकार अपने क़ब्ज़े में ले ले, इसमें ऐतराज़ की कोई बात नहीं है।
मोहतरमा नूर बानो के 15 अगस्त 2021 वाले इस बयान के कुछ ही दिनों बाद यूपी सरकार ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को टेक ओवर कर लिया। आम तौर पर सरकार कोई बड़ी कार्रवाई करने से पहले उसकी प्रतिक्रिया का आंकलन करती है। रामपुर की पूर्व सांसद और नवाब ख़ानदान की बड़ी हस्ती नूर बानो के बयान से यूपी सरकार की कार्रवाई को समर्थन मिलता नज़र आता है। शायद इसीलिये यूपी सरकार इतनी बड़ी कार्रवाई कर पाई।
जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में और भी कई तथ्यों पर चर्चा की जानी बाक़ी है। कुछ मामलों में रामपुर सांसद आज़म ख़ान की ख़ामियां नज़र आती हैं। हम इन मुद्दों पर आइंदा आर्टिकल्स में विस्तार से बात करेंगे, इन् शा अल्लाह!
सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़
आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क
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