प्रधानमंत्री मोदी : रमज़ान में ज़्यादा दुआ करें ताकि ईद तक सब हो ठीक
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रमज़ान में पहले से ज़्यादा इबादत और दुआ करने की अपील की ताकि ईद से पहले सब ठीक हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान उनके फैन समझे जाने वाले कुछ लोगों को बेहद नागवार लगा है। आज के ब्लॉग में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और PMO के ट्विटर हैंडल से प्राप्त वीडियो, फोटोज़ के साथ उस पर कुछ उनके फैंस की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं से हम आपको अवगत कराएंगे, जिसमें अर्णब गोस्वामी की प्रतिक्रिया भी शामिल है। इस ब्लॉग में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर भी चर्चा की गई है। अधिक जानकारी के लिये इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ियेगा।
■ क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने?
आज 26 अप्रैल 2020 को ऑल इंडिया रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, रमज़ान का भी पवित्र महीना शुरू हो गया है। जब पिछली बार रमज़ान मनाया गया था तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस बार रमज़ान में इतनी बड़ी मुसीबतों का भी सामना करना पड़ेगा। लेकिन, जब पूरे विश्व में यह मुसीबत आ ही गई है तो हमारे सामने अवसर है कि इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज़्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए और हम पहले की तरह उत्साह और उमंग के साथ ईद मनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, मुझे विश्वास है कि रमज़ान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के ख़िलाफ़ चल रही इस लड़ाई को हम और मज़बूत करेंगे। सड़कों पर, बाज़ारों में, मोहल्लों में, फिज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन अभी बहुत आवश्यक है। मैं, आज उन सभी कम्युनिटी लीडर्स के प्रति आभार प्रकट करता हूँ जो दो ग़ज़ दूरी और घर से बाहर नहीं निकलने को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह वीडियो उनके ट्विटर हैंडल नरेंद्र मोदी पर शेयर किया गया।
■ PMO के ट्विटर पर जारी ई-पोस्टर
प्रधानमंत्री के इसी बयान पर आधारित ई-पोस्टर प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पीएमओ पर शेयर किये गये जिन्हें भारतीय उच्चायुक्त के ट्विटर हैंडल इंडिया इन जेद्दाह ने रीट्वीट किया।
कुछ लोगों के लिये यह अनहोनी घटना सी थी। उनको लगा कि प्रधानमंत्री मोदी भी मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर चल पड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के ट्विटर हैंडल पर कई लोगों ने अपनी भड़ास निकाली। कुछ सबूत आपके सामने हैं।
अर्णब गोस्वामी की प्रतिक्रिया : रिपब्लिक भारत वाले इन पत्रकार महोदय को मोदीजी के बयान से कितनी निराशा हुई, उनके दो ट्वीट्स में देखिये।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की प्रतिक्रिया : ये प्रधानमंत्री के पक्के फैन हैं लेकिन वे भी अपनी अंदरूनी भावना छुपा नहीं पाए।
हिन्दू सेना (भक्त) ने लिखा है,
क्रांति का रिप्लाई ट्वीट देखिये
रेशनल थॉट ने नरेंद्र मोदी के बयान को मिडिल ईस्ट इफेक्ट बताते हुए लिखा, अभी तो और ज़लील होना है।
डॉ. संजीव राय की प्रतिक्रिया यह थी,
गोपाल कृष्ण का ट्वीट तो ऐसा है जैसे मोदीजी ने हिंदुत्व छोड़ दिया हो,
विवेक सिंह रंजन ने भी प्रधानमंत्री को हिंदुओं के एहसान गिनाए,
अब हिंदू एकता संघ का ट्वीट देखिये,
जब ट्विटर पर स्यापा बहुत ज़्यादा होने लगा तो इन सबके बाबूजी को सामने आना पड़ा। शाम होते-होते आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का ट्वीट डेमेज कंट्रोल करने और भक्तों को शांत करने के लिये आया। उन्होंने कहा,
सेवाकार्य बिना किसी भेदभाव के सबके लिए करना है। जिन्हें सहायता की आवश्यकता है वे सभी अपने है, उनमें कोई अंतर नहीं करना। अपने लोगों की सेवा उपकार नहीं है वरन हमारा कर्तव्य है। - पू. सरसंघचालक जी
अपने लोग शब्दों का इस्तेमाल संघ प्रमुख ने किनके लिये किया, इसका अंदाज़ा उनके एक अन्य ट्वीट से लगाया जा सकता है। संघ प्रमुख सिर्फ़ यहीं तक नहीं रुके बल्कि एक क़दम और आगे बढ़कर तब्लीग़ी जमाअत का बचाव करते हुए भी नज़र आए।
अगर कोई डर से, या क्रोध से, कुछ उल्टा-सीधा कर देता है तो सारे समूह को उसमें लपेटकर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में और भी कई बातों का ज़िक्र किया लेकिन सबका ध्यान रमज़ान, इबादत, दुआ और ईद पर अटककर रह गया। बहरहाल, हमारा यही कहना है कि अच्छी बात की सराहना होनी चाहिये।
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