राजस्थान में अभी तस्वीर धुंधली है

14 जुलाई 2020, रात के 11.40 बजे, जब यह शब्द लिखे जा रहे हैं, तब तक ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है कि बीजेपी राजस्थान में सत्ता परिवर्तन का जश्न मना सके। क्यों? जानने के लिये पढ़िये यह रिपोर्ट।

राजस्थान के युवा कांग्रेस नेता, सचिन पायलट की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ बग़ावत को तीन दिन हो चुके हैं। सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटाए हुए भी 24 घण्टे से ज़्यादा हो चुके हैं लेकिन अभी तक उनके ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस विरोधी या अशोक गहलोत विरोधी कोई बयान नहीं है।

नीचे कुछ ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स दिये जा रहे हैं। ये सब सचिन पायलट के ट्विटर हैंडल पर इस सियासी रिपोर्ट के लिखे जाने (14 जुलाई 2020, रात 11.40 बजे) तक मौजूद हैं। इसका क्या मतलब निकाला जाए? क्या अभी भी सचिन पायलट के लिये कांग्रेस पार्टी में कोई गुंजाइश बाक़ी है? या सचिन पायलट अभी आगे की रणनीति नहीं बना पाए हैं?

इन ट्वीट्स को देखकर आपको इस बात का एहसास तो हो गया होगा कि अभी कुछ दिनों पहले तक उनके बीजेपी के ख़िलाफ़ तेवर कैसे थे? ऐसे में उनका यह कहना सही ही लगता कि वो बीजेपी में नहीं जा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के कुछ नेता बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तर्ज़ पर ख़ुश हो रहे हैं।

इन ख़ुश होने वालों में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी हैं जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह ज़िले जोधपुर के सांसद भी हैं। बीजेपी नेता उमा भारती, राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया, राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेता सचिन पायलट के प्रति हमदर्दी जता रहे हैं।

लेकिन एक बीजेपी नेता की चुप्पी अखर रही है, वो है राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे। इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक वसुंधरा राजे के ट्विटर हैंडल पर पायलट के पक्ष में एक भी ट्वीट नहीं था। हैरानी की बात तो यह है कि राजस्थान में इतना बड़ा सियासी ड्रामा चल रहा है लेकिन वसुंधरा राजे ने उस पर भी कोई टिप्पणी नहीं की है। सैम्पल के तौर कुछ ट्वीट्स देखिये।

अभी बहुत कहा जाना बाक़ी है। इंशाअल्लाह हम कल फिर बहुत सी अनसुनी जानकारियां आपके सामने पेश करेंगे। इस रिपोर्ट को शेयर करके ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने में हमारी मदद करें।

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