प्लाज़्मा थेरेपी के लिये तब्लीग़ी जमाअत का सहयोग

इन दिनों प्लाज़्मा थेरेपी की काफ़ी चर्चा है। इसके ज़रिए काफ़ी मरीज़ ठीक भी हुए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ठीक हो चुके मरीज़ों से प्लाज़्मा डोनेट करने की अपील भी की है। हरियाणा के झज्जर में तब्लीग़ी जमाअत से जुड़े 142 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया था, उनमें से 129 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश ने प्लाज़्मा डोनेट किया भी है। आज का ब्लॉग इसी अहम विषय पर है।

■ अरविंद केजरीवाल का बयान

केजरीवाल ने कहा, हर धर्म के लोग प्लाज्मा देकर एक दूसरे की जान बचाना चाहते हैं। मेरे मन में विचार आया कि हो सकता है कि किसी मुसलमान का प्लाज्मा हिंदू की जान बचाए। हो सकता है किसी हिंदू का प्लाज्मा मुसलमान की जान बचाए। भगवान ने जब धरती बनाई थी तब इंसान बनाए थे। सबकी दो आंख दी, एक जैसा शरीर दिया। खून भी सबका लाल है। उन्होंने (भगवान) कोई दीवार पैदा नहीं की। ये सब हमने की है। लेकिन ध्यान रहे कि कोरोना होता है तो सबको होता है। इसी तरह प्लाज्मा धर्म देखकर नहीं बचाएगा।

केजरीवाल ने आगे कहा कि अगर हमारे देश के सब लोग मिलकर एक साथ रहेंगे तो हमें कोई नहीं हरा सकेगा। उन्होंने कहा अगर ऐसा हुआ तो दुनिया को हमारे सामने झुकना होगा।

■ प्लाज़्मा थेरेपी क्या है?

प्लाज़्मा हमारे ख़ून में पीला तरल हिस्सा होता है जिसके ज़रिए रेड ब्लड सेल्स व प्रोटीन वगैरह शरीर के सभी हिस्सों की कोशिकाओं तक पहुंचते हैं। ये हमारे शरीर में मौजूद ख़ून का 55% हिस्सा होता है।

प्लाज़्मा थेरेपी में उन मरीज़ों के ख़ून में से प्लाज़्मा लिया जाता है जो कोरोना से लड़कर ठीक हो चुके हैं। इस प्लाज़्मा को कोविड-19 के उन सीरियस मरीज़ों को चढ़ाया जाता है, जो या तो वेंटिलेटर पर हैं या वेंटिलेटर पर जाने की कगार पर हैं।

■ प्लाज़्मा थेरेपी काम कैसे करती है?

दरअसल हमारे शरीर में जब कभी वायरस का संक्रमण होता है तो उससे लड़ने के लिये हमारा शरीर बड़ी संख्या में एंटीबॉडीज़ बनाता है जो वायरस को खा जाती है। ऐसे मामले में ठीक हुए मरीज़ का शरीर बीमारियों से लड़ने के लिये एंटीबॉडीज़ बना चुका होता है। इन लोगों के प्लाज़्मा में मौजूद एंटीबॉडीज़, बीमार शख़्स के शरीर में जाकर वायरस से लड़ती है। दिल्ली में भी कई कोरोना मरीज़ों पर इसका प्रयोग किया गया और कई मरीज़ ठीक हो गये।

तब्लीग़ी जमाअत से जुड़े कोरोना संक्रमित काफ़ी मरीज़ ठीक हो चुके हैं। उन्होंने दूसरे लोगों की जान बचाने के लिये अपना प्लाज़्मा डोनेट किया है। शायद यही वजह है कि तब्लीग़ी जमाअत के बारे में मीडिया के भी सुर बदल गये हैं।

■ इंडिया टीवी के रजत शर्मा का ट्वीट और कुछ प्रतिक्रियाएं

तब्लीग़ी जमाअत के ख़िलाफ़ आक्रामक रिपोर्टिंग करने वाले चैनलों में से एक इंडिया टीवी के रजत शर्मा का यह ट्वीट देखिये,

इस ट्वीट पर कई प्रतिक्रियाएं आईं, उनमें से कुछ यह हैं।

डॉ. मोनिका सिंह @DrMonikaSingh_ ने लिखा, अब भक्तो से पूंछ लो, क्या वो तबलीगी जमात के लोगो के दान किये ब्लड से अपना कोरोना का इलाज कराना पसंद करेंगे? हो सकता है भक्त इस ब्लड का बहिष्कार कर दे।

मोहम्मद हाशिम @MD___hashim ने लिखा, मुस्लिम बिना वेदभाव के कोरोना से लड़ने के लिए खून दे रहे, मुस्लिम कोरोना से लड़ने के लिए पेसे दे रहे हैं और अंधभक्त सब्जिया भी बेच रहे हैं तो झंडा लगाकर। अंधभक्तो तो शर्म करो और देश के बारे में सोचो।

आफिया खान @afiyaa_ ने लिखा, इतिहास गवाह है मुसलमान हमेशा से मदद को आगे रहा है। बस डर इस का है कि कल को कोई मुद्दा नहीं मिला तो आप लोग इसे ब्लड जिहाद का नाम ना दे दें।

अरुणोदय विश्वकर्मा @imArunoday ने लिखा, एक अर्नव पर FIR क्या हुई, रजत शर्मा की ट्यून बदल गई? याद रखना जल्दी ही मूल पत्रकारिता भी करोगे।

श्यामचरण नामदेव @shyamnamdeo ने लिखा, लगे हाथ में भी बता दो कट्टर हिन्दू को ये प्लाज्मा लेना चाहिए कि नहीं?

शिल्पा राजपूत @Shilpa_Bhartiy ने लिखा, क्या बात है शर्मा जी सुबह सुबह कोई नशा तो नही किया न?

इस ब्लॉग के ज़रिए, हम यह संदेश देना चाहते हैं कि मुहब्बत के ज़रिए से ही नफ़रत ख़त्म की जा सकती है। नेकी का बदला हमेशा अच्छा ही होता है। हम उम्मीद करते हैं कि मीडिया, आइंदा किसी ख़बर को ऐसे अन्दाज़ में पेश नहीं करेगा, जिससे किसी समुदाय विशेष के आम लोगों के प्रति ग़लत धारणा पैदा हो।

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