ओवैसी के भागीदारी मोर्चा के सेनापति बीजेपी की ओर?
बड़े ज़ोर-शोर से ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तरप्रदेश के भावी विधानसभा चुनाव-2022 के लिये ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन करते हुए भागीदारी मोर्चा बनाने का ऐलान किया था। ओवैसी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भावी मुख्यमंत्री घोषित किया था।
लेकिन ऐसा लगता है कि नगर बसने से पहले उजड़ने के कगार पर है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने 3 अगस्त 2021 को लखनऊ में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात की है। दोनों नेताओं की मीटिंग करीब एक घंटा चली।
इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने एक बयान जारी करके कहा कि अगर बीजेपी उनकी पांच शर्तें मान लेती है तो वह पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं। उस में से एक अहम शर्त यह है कि बीजेपी, योगी आदित्यनाथ के बजाय किसी पिछड़ी जाति के नेता को मुख्यमंत्री बनाए।
हाल ही में जिस तरह योगी आदित्यनाथ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जिस तरह का मतभेद देखने को मिला, उसके चलते बीजेपी के लिये चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा बदलना कोई नामुमकिन काम नहीं है।
हाल ही में असम का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को सामने रखकर लड़ा और चुनाव के बाद, हिमंत बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बना दिया। हिंदू वोटों का बिखराव रोकने के लिये बीजेपी उत्तरप्रदेश में भी यही चाल चल सकती है।
ग़ौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन करके लड़ा था और चार सीटें जीती थीं। ख़ुद राजभर योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बने थे। साल 2019 में मतभेद होने पर यह राजभर की पार्टी बीजेपी से अलग हो गई थी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के अनेक जिले राजभर बहुल है और पूर्वांचल की कुल आबादी में इस बिरादरी क़रीब 20% है।
अब अगर राजभर एक बार फिर बीजेपी की ओर सॉफ्ट कॉर्नर दिखा रहे हैं तो इसका असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन पर क्या असर पड़ेगा?
भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात के एक दिन बाद राजभर ने कहा, स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात के बाद मैंने ओवैसी से फोन पर बात की और मैंने उन्हें इस मुलाकात के बारे में विस्तार से बताया। ओवैसी से मतभेद की खबरों को बेबुनियाद बताते हुए राजभर ने दावा किया कि एआईएमआईएम अब भी उनकी अगुवाई वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है।
ओमप्रकाश राजभर उत्तरप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष से मुलाक़ात करते हैं, बीजेपी से गठबंधन की शर्तों के बारे में डिस्कस करते हैं और वह इस मीटिंग की रिपोर्टिंग ओवैसी को करते हैं। यह क्या खेल हो रहा है?
उत्तरप्रदेश के मुसलमानों के सामने बड़ा सवाल है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में किस पर भरोसा किया जाए? जौहर कानपुरी का एक शे'र मुलाहिज़ा फरमाएं,
समझ में कुछ नहीं आता, यकीं किसपे किया जाए?
गला तो भाई भी दुश्मन से मिलकर काट लेता है।
बुलंदी पर पहुंचने की दुआ किसके लिये माँगूं?
जिसे सर पे बिठाता हूँ, वही सर काट लेता है।
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सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़
आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क
जोधपुर राजस्थान
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