लम्बे समय तक कोरोना के डर के साथ जीना है, तैयारी कीजिये
इस ब्लॉग के साथ दिये गये वीडियो को देखिये, इस वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को देखिये। कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के अदार पूनावाला क्या कह रहे हैं, सुनिये।
कोविशील्ड की प्रभाव क्षमता 62 से 80 फ़ीसद है। अदार पूनावाला ख़ुद कह रहे हैं कि वैक्सीन लगाने के बाद भी कोरोना से संक्रमित होने का रिस्क है।
अदार पूनावाला कह रहे हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाने के बाद आपकी जान नहीं जाएगी। ये तो ख़ुदाई दावा हो गया। ज़िंदगी और मौत, अल्लाह तआला ने अपने क़ब्ज़-ए-क़ुदरत में रखी है। किसी मख़लूक़ का इसमें कोई दख़ल नहीं है। अगर वो यह कहते कि वैक्सीन लगाने के बाद आपको कोरोना नहीं होगा, तो ज़्यादा बेहतर बात होती। मगर पूनावाला, दोबारा संक्रमण की संभावना को स्वीकार कर रहे हैं।
इसका मतलब यह हुआ कि भारतीयों को देश में उपलब्ध रूसी वैक्सीन "स्पूतनिक-वी" को तरजीह देनी चाहिये, जिसकी संक्रमण रोकने की क्षमता 91 फ़ीसद है।
लल्लनटॉप ने अपने एक वीडियो में बताया है कि जब तक दुनिया की 80 फ़ीसदी आबादी को वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक "हर्ड इम्युनिटी" नहीं आएगी यानी लोगों में कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता नहीं आएगी। इस काम में 4 से 5 साल लग सकते हैं, वो भी पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध होने पर।
मतलब साफ़ है हमें लम्बे अर्से तक कोरोना की मौजूदगी के साथ जीना है, उसी तरह, जिस तरह हम कैंसर, टीबी और दीगर बड़ी बीमारियों की मौजूदगी में जी रहे हैं।
हमने पहले भी लिखा था और आज फिर दोहरा रहे हैं, अल्लाह पर ईमान, सबसे बड़ी वैक्सीन है। यह वो नुस्ख़-ए-कीमिया है जो 100 फ़ीसदी कारगर है। बीमारी हो जाने पर इलाज करवाना चाहिये, इलाज कराना सुन्नत है। एहतियात और परहेज़ भी बरतना चाहिये। मगर इसके साथ दुआएं भी माँगते रहना चाहिये क्योंकि शिफ़ा देना, अल्लाह के इख़्तियार में है और दवा भी उसके हुक्म की मोहताज है।
रमज़ान का आख़री अशरा है। हम सब गुनाहगार हैं। बारगाहे-इलाही में रो-रोकर अपने गुनाहों की माफ़ी मांगें। कोरोना वायरस चाहे किसी लैब से फैला हो या चाहे किसी जानवर से फैला हो; इसके ख़ात्मे के लिये हुक्मे-इलाही, "कुन, फ़-य-कुन" की देर है।
अगर ये पाबंदियां लम्बी चलीं तो यह बीमारी से भी ज़्यादा जानलेवा हो जाएगी। इसके साथ ही आप सबसे एक अपील है, अपने शौक़ और ग़ैर-ज़रूरी ख़र्चों को कम कीजिएगा। शादी-सगाई को सादगी के साथ करने का अज़्म कीजिये। अल्लाह की राह में ख़र्च करना अपनी आदत बना लीजिये। इन् शा अल्लाह, सब-कुछ ठीक हो जाएगा।
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वस्सलाम,
सलीम ख़िलजी
(एडिटर इन चीफ़, आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप/टेलीग्राम : 9829346786
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