जो चले गये वे मुक्त हो गये, RSS प्रमुख की दार्शनिकता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम पोज़िटिविटी अनलिमिटेड में कहा कि जिन लोगों की कोरोना से मौत हुई है वह एक तरीके से मुक्त हो गए हैं। परिस्थित कठिन है लेकिन हमें निराश नहीं होना है।
मोहन भागवत ने कहा, ‘कठिन समय है। असमय लोग चले गए। उनको ऐसे जाना नहीं चाहिए था। परंतु अब तो कुछ किया नहीं जा सकता। परिस्थिति में तो हम लोग हैं। अब जो लोग चले गए, एक तरह से मुक्त हो गए। उनको इस स्थिति का सामना नहीं करना है। हमें अब हम लोगों को सुरक्षित करना है।’
भागवत ने कहा, ‘कुछ नहीं हुआ। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। परिस्थिति कठिन है। लेकिन हमें हमारे मन को नेगेटिव नहीं होने देना है। हमको हमारे मन को पॉजिटिव रखना है शरीर को कोरोना नेगेटिव रखना है। हमें खुद को कोरोना के आगे बेबस नहीं करना है। दुख देखकर निराश नहीं होना है। कई लोग ऐसे हैं जो कोरोना के इस समय में खुद को भुलाकर समाज की सेवा कर रहे हैं उनसे प्रेरणा लेनी है।’
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 11 मई से 15 मई के बीच ‘पॉजिटिविटी अनलिमिटेड’ शीर्षक से ऑनलाइन व्याख्यान की एक श्रृंखला शुरू की, जिसका उद्देश्य चल रही महामारी के बीच लोगों में विश्वास और सकारात्मकता फैलाना है। व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन आरएसएस की कोविड रिस्पांस टीम द्वारा किया जा रहा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, विप्रो समूह के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी, आध्यात्मिक नेता जग्गी वासुदेव प्रमुख वक्ताओं में शामिल हैं।
बता दें कि कुछ दिनों पहले, सरकार ने “सरकार की पॉजिटिव छवि बनाने” और “पॉज़िटिव खबरों और उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से उजागर करने के माध्यम से लोगों की धारणा बदलने" के लिए प्रभावी संचार नामक एक कार्यशाला का आयोजन किया था। ये सरकारी अधिकारियों की पहली ऐसी कार्यशाला थी। कार्यशाला में प्रत्येक विभाग के संयुक्त सचिव (मीडिया) सहित लगभग 300 अधिकारियों ने भाग लिया था।
सरकार की इस तरह की कोशिशों को लेकर विपक्ष हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि जब देश महामारी की दूसरी लहर के चरम पर है, ऐसे में सरकार झूठा प्रचार करने पर जुटी हुई है। विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि पॉजिटिविटी फैलाने के नाम पर “झूठ” और “प्रचार” को आगे बढ़ाने का सरकार का प्रयास “घृणित” है। विपक्ष का कहना है कि एक शोकग्रस्त राष्ट्र और हमारे चारों ओर त्रासदियों के सामने, पॉजिटिविटी फैलाने के नाम पर झूठ और प्रचार को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास घृणित है। पॉजिटिव होने के लिए हमें सरकार के अंधे प्रचारक बनने की जरूरत नहीं है।
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बिलाल ख़िलजी
सह संपादक एवं वेब एडिटर
आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क
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