जिओमार्ट किराना व्यापारियों के लिये ख़तरे की घंटी

यह ब्लॉग गिरीश मालवीय ने लिखा है। आदर्श मुस्लिम के फेसबुक पेज पर इसे शेयर किया गया। यह ब्लॉग आपको विचारोत्तेजक लगेगा। मुकेश अम्बानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने जिओमार्ट के ज़रिए एक बार फिर किराना व्यापार के क्षेत्र में क़दम रखा है। इससे पहले वह रिलायंस फ्रेश के नाम पर असफल प्रयास कर चुकी है। इससे संबंधित हमारा ब्लॉग जिओमार्ट : आपदा को अवसर में बदलने का कारोबार भी पढ़ें। बिलाल ख़िलजी डेस्क एडिटर

देश के छोटे-मोटे लाखों किराना व्यवसाइयों के लिए बुरी खबर है। मोदीजी के परम् मित्र मुकेश अम्बानी की देश की नई दुकान जियो मार्ट शुरू हो गयी है। जो उनके साथ चलेगा, उनकी मानेगा वही बचेगा बाकी सब साफ़ हो जाएंगे। कुछ समय में ही देश की नई दुकान आपकी पड़ोस की दुकान का अस्तित्व ही समाप्त कर देगी।

मुकेश अम्बानी की नजर सीधे लाखों किराना व्यापारियों के बिजनेस पर है। जियो मार्ट शुरुआत में 5% डिस्काउंट पर सामान खरीदने का ऑफर दे रही है। कोरोनाकाल में लाखों की संख्या में परिवार महंगा किराना सामान खरीदने पर मजबूर हुए हैं, साथ ही ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली से भी उनका अच्छा-ख़ासा परिचय हो गया है। इसलिए वह जियो मार्ट को एक बार सेवा का अवसर अवश्य देंगे। आज देश के 200 शहरों में रिलायंस का जियोमार्ट पोर्टल लाँच हुआ है। गजब की बात यह है कि जियो के कस्टमर वॉट्सऐप के जरिए सामानों की बुकिंग कर पाएंगे जिसके देश में लगभग 40 करोड़ यूजर्स हैं। फेसबुक ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि जियोमार्ट के साथ पार्टनरशिप से वॉट्सऐप को छोटे कारोबारियों से जुड़ने का एक अहम साधन बनने में मदद मिलेगी।

रिलायंस के खुद के भी देश भर में करीब 30 करोड़ कस्टमर हैं जो जियो सर्विस का फायदा ले रहे हैं। इसके अलावा देश भर के करीब 6500 शहरों में रिलायंस के करीब 10 हजार रिटेल आउटलेट हैं। 50 बड़े गोदाम, चार हजार जियो प्वाइंट है, जिसके कारण रिलायंस को अपने नए प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। इससे तमाम उत्पादकों, व्यापारियों, छोटे दुकानदारों, ब्रांड और उपभोक्ताओं को जोड़ा जाएगा। कंपनी करीब दो साल इसकी योजना पर काम कर रही थी।

पिछले साल नवंबर में मेक इन ओडिशा सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, रिलायंस दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन न्यू कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है।

रिलायंस जियो मार्ट के जरिए स्थानीय दुकानदारों को ऑनलाइन टु ऑफलाइन मार्केटप्लेस मुहैया कर रही है। यह एक ऐसा कारोबारी मॉडल है जिसे चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्ड‍िंग लिमिटेड अपनाती रही है। इसमें उपभोक्ता को ऑनलाइन उत्पादों को सर्च करने और उसे किसी फिजिकल स्टोर से खरीदने का विकल्प मिलता है।

रिलायंस के पास पूंजी, असीमित क्षमता, व्यापक रिटेल आउटलेट और संसाधन हैं, जिससे वह प्रतिस्पर्धा को ही समाप्त कर सकती है। मुकेश अंबानी का मकसद देश में रिटेल क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करना है और वह यह काम उसी तरह आसानी से कर सकते हैं, जिस तरह उन्होंने रिलायंस जियो के लिए किया लेकिन उनके इस प्रिडेटर एप्रोच से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। लिख कर रख लीजिए बाद में कहंगे कि आपने तो बताया ही नहीं।

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