जिओमार्ट : आपदा में अवसर तलाशने का कारोबार
हर साल ईद पर सलमान ख़ान की कोई न कोई फ़िल्म रिलीज़ होती है। कोरोना-काल के लॉक डाउन संकट के चलते सिनेमाघर बंद हैं। सलमान भाई की कोई फ़िल्म तो रिलीज़ नहीं हुई लेकिन मुकेश भाई की ऑनलाइन किराना शॉप "जिओमार्ट" ज़रूर लाँच हो गई। इस ब्लॉग में हम कुछ अहम बातों पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, हर देशवासी से, कोरोना संकट के चलते पैदा हुई आपदा (मुसीबत) को अवसर में बदलने का आह्वान किया। आम जनता इस आह्वान पर अमल करे या न करे लेकिन कुछ कारोबारियों ने मोदीजी के आह्वान को बहुत सीरियसली लिया है, उन्हीं में दो बड़े नाम हैं, मार्क ज़करबर्ग (फेसबुक) और मुकेश अम्बानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड)।
25 मई 2020, ईदुल फितर के दिन, लॉकडाउन 4.0 के बीच रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपना ऑनलाइन ग्रॉसरी शॉपिंग पोर्टल जियोमार्ट (Jiomart) लाँच किया। रिलायंस रिटेल के ग्रॉसरी बिजनस के सीईओ ने ट्वीट करके जानकारी दी कि जियोमार्ट देश के 200 से अधिक शहरों में सेवाएं दे रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी प्रॉडक्ट के एमआरपी (MRP) पर 5% का डिस्काउंट ऑफर दे रही है।
■ जिओमार्ट में किसने निवेश किया है?
जियोमार्ट पर शॉपिंग फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप के ज़रिए की जा सकती है, जिसके देश में लगभग 40 करोड़ यूजर्स हैं।
ग़ौरतलब है कि हाल ही में फेसबुक ने जिओमार्ट में एक भारी-भरकम निवेश करके लगभग 10% हिस्सेदारी ख़रीदी है। फेसबुक ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि जियोमार्ट के साथ पार्टनरशिप से वॉट्सऐप को छोटे कारोबारियों से जुड़ने का एक अहम साधन बनने में मदद मिलेगी। मतलब यह कि RIL के साथ मिलकर फेसबुक ने भी व्हाट्सएप के ज़रिए आपदा को अवसर में बदलने का मौक़ा लपक लिया है।
फेसबुक के अलावा अमेरिका की केकेआर एंड कंपनी (KKR & Co) ने भी जियो में 113.7 अरब रुपये (1.5 अरब डॉलर) निवेश किया है। ग़ौरतलब है कि केकेआर दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट इक्विटी फंडों में से एक है। केकेआर जियो में 2.3 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रही है।
जिओमार्ट में निवेश करने वाली एक और कंपनी है, सिल्वरलेक।
जिन लोगों के मन में राष्ट्रप्रेम और स्वदेशी की भावनाएं उफान मार रही है वे कृपया इस बात को ध्यान में रखें कि जिओमार्ट में विदेशी कम्पनियों के अच्छा-ख़ासा इन्वेस्टमेंट है।
■ ऑर्डर की बुकिंग कैसे होगी?
रिलायंस के स्वामित्व वाली एक मीडिया कम्पनी की न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़ 18 से प्राप्त जानकारी के अनुसार,
◆ सबसे पहले आपको एक व्हाट्सएप नंबर 8850008000 को अपने फोन में सेव करना होगा। इसके बाद इस नंबर पर एक मैसेज भेजना होगा। मान लीजिये कि आपने Hi लिखकर भेजा।
◆ जैसे ही आप मैसेज भेजेंगे, तो आपके मैसेज बॉक्स पर एक लिंक आएगा। इस लिंक की वैलिडिटी 30 मिनट तक होगी, यानी आधे घंटे तक आप इस लिंक को इस्तेमाल कर सकते हैं।
◆ लिंक पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलेगा, जिस पर आपको अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि जो डिटेल मांगी गई है, उसे दर्ज करना होगा। इसके बाद आपको Proceed पर क्लिक करना होगा।
यानी इसके ज़रिए रिलायंस जिओमार्ट कस्टमर डाटाबेस रजिस्टर तैयार कर लेगी।
◆ रजिस्ट्रेशन के बाद आपके सामने पूरी एक लिस्ट सामने आ जाएगी, जो भी खरीदना चाहते हैं, उसे सेलेक्ट करेंगे और अपना ऑर्डर प्लेस करेंगे।
◆ ऑर्डर देने के बाद जियोमार्ट रजिस्टर्ड नजदीकी किराना आउटलेट को आपके साथ शेयर करेगा, ये वही जगह है, जहां से आप अपना ऑर्डर पिकअप कर सकते हैं।
रिलायंस जिओमार्ट ने देश भर में अनेक किराना दुकानों को अपने ऑर्डर की सप्लाई करने वाले पॉइंट के तौर पर जोड़ा है।
◆ ऑर्डर करने के बाद एक बार फिर से आपको मैसेज आएगा, जिसमें रिसीव लिखा हुआ होगा। यानी आपका ऑर्डर जिओमार्ट को प्राप्त हो गया है।
◆ ऑर्डर जैसे ही तैयार होगा, वैसे ही आपको SMS मिलेगा।
◆ इसके बाद आपको उस तयशुदा दुकान पर जाकर ऑर्डर पिकअप कर लेना है। जो ऑर्डर आपने किया था उसका पेमेंट उस दुकान पर आपको कैश में ही करना होगा।
◆ जियोमार्ट के कैटलॉग में घरेलू सामान जैसे कि बेसन, सूजी, कच्ची मूंगफली, दालें, मसालों के साथ साथ अन्य पैकेज्ड प्रोडक्ट भी मौजूद हैं।
अब आप समझ गये होंगे कि जो किराना दुकान रिलायंस जिओमार्ट के साथ जुड़ेगी उसका अपना धंधा ख़त्म हो जाएगा। उसकी दुकान पर वही सामान होगा जिसे रिलायंस जिओमार्ट सप्लाई करेगी।
हम आपको बता दें कि देश के रिटेल किराना व्यापार पर रिलायंस की नज़र बरसों से है। उसने कुछ बरस पहले रिलायंस फ्रेश के नाम से शॉपिंग मॉल्स खोले थे लेकिन उसे विशेष कामयाबी नहीं मिली क्योंकि ज़्यादातर लोग अपने आसपास की किराना दुकानों से सामान खरीदने को पसंद करते हैं। शायद इसीलिये अब उसने पैंतरा बदलते हुए किराना स्टोर्स को ही टेकओवर करने के लिये जिओमार्ट स्कीम को लाँच किया है। अब देखना यह है कि इस बार मुकेश अम्बानी को किराना सप्लायर बनने का मौक़ा मिलता है या नहीं?
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