जयघोष बनाम शर्मबोध

आज की पोस्ट में हम दो ख़बरों पर चर्चा करेंगे। पहली न्यूज़, एनडीटीवी की हिंदी वेबसाइट पर 18 अप्रैल 2020 शाम 5 बजे एक न्यूज़ पोस्ट की गई। दूसरी न्यूज़ उसी दिन एबीपी न्यूज़ की हिंदी वेबसाइट पर पोस्ट हुई। हमें उम्मीद है कि आप इन ख़बरों के पीछे छुपे संदेश को ज़रूर समझेंगे।

पहली ख़बर यह है,
■ PM के थाली बजाओ की तर्ज पर पंजाब में 'जयघोष दिवस', 20 अप्रैल को शाम 6 बजे 'जो बोले सो निहाल' और 'हर-हर महादेव' के नारे लगाने की अपील

(Coronavirus) से लड़ रहे कोरोना युद्धवीरों के साथ एकजुटता दिखाने और पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) सरकार की मांग का समर्थन करने के लिए पंजाब कांग्रेस ने पीएम मोदी के 'थाली बजाओ' कार्यक्रम की तरह 20 अप्रैल शाम 6 बजे 'जयघोष दिवस' मनाने का ऐलान किया है।

पंजाब कांग्रेस ने लोगों से 20 अप्रैल को घर में रहकर 'जो बोले सो निहाल' और 'हर-हर महादेव' के नारे लगाने की अपील की है। पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पत्र में कहा, हम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और काफी हद तक कोरोना वायरस के प्रभाव को काबू करने में कामयाब रहे हैं।"

उन्होंने लिखा, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से राहत पैकेज देने की अपील की है ताकि आर्थिक संकट से बचा जा सके। इसलिए आप सबसे आग्रह किया जा रहा है कि सीएम अमरिंदर सिंह की मांग को केंद्र सरकार के सामने बुलंद करने और पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ एकजुटता दिखाते हए 20 अप्रैल को शाम 6 बजे घर के अंदर रहकर 'जो बोले सो निहाल' और 'हर-हर महादेव; के नारे लगाएं।

इस ख़बर में यह नहीं कहा गया है कि एकजुटता दिखाने के लिये मुसलमान कौनसा नारा लगाएं?

अब आप दूसरी ख़बर पढ़िये,
■ यूपी : राशन की लाइन में लगी महिला बेहोश होकर गिरी, मौके पर हुई मौत

उत्तर प्रदेश के बदायूं में राशन लेने के लिए धूप में तीन घंटे से लाइन में खड़ी एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि बदायूँ जिले के थाना कुंवरगांव क्षेत्र के सलारपुर ब्लाक स्थित प्रहलादपुर ग्राम निवासी मैकू अली की पत्नी शमीम बानो (35) शुक्रवार दोपहर राशन की दुकान पर गई थी। बानो तीन घंटे तक चावल लेने के लिए लाइन में खड़ी रही, फिर भी उसका नंबर नहीं आ सका।

उन्होंने बताया कि अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह चक्कर खाकर जमीन पर गिरने के बाद बेहोश हो गई और उसने अस्पताल ले जाने से पहले ही दम तोड़ दिया।

डीएम के आदेश पर जांच करने घटनास्थल पर पहुंचे जिला आपूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वह स्वयं मौके पर पहुंचे थे, उस समय राशन वितरण बंद हो चुका था। गांववालों का कहना है कि महिला की मौत संभवत: दिल का दौरा पड़ने से हुई। मामले की जांच चल रही है।

सरकारें जयघोष करके जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने में लगी हैं। लोगों को भूख से मरते देखकर क्या किसी के मन में शर्मबोध भी है? कोई इंसान भूखा न सोये, इसकी सबसे पहली ज़िम्मेदारी तो पड़ौसी होने के नाते हमारी-आपकी है। लॉकडाउन चल रहा है। लोगों से घरों में रहने को कहा गया है। क्या सरकार ऐसी व्यवस्था नहीं कर सकती कि किसी को राशन के लिये लाइन में न लगना पड़े? लॉकडाउन जैसी आपातकालीन परिस्थिति में राशन का अनाज लोगों के घर तक पहुंचाने का मुकम्मल इंतज़ाम करवाने के लिये जनता बेचारी क्या करे? ताली-थाली बजाने, दिया-मोमबत्ती जलाने, बोले सो निहाल-सत श्री अकाल और हर-हर महादेव का नारा लगवाने वाली सरकारों यह तो बता दो कि जनता रोटी मांगने के लिये कौनसा उपक्रम करे?

डिस्क्लेमर : यह पोस्ट कोरोना महामारी के संकटकाल में ग़ैर-ज़रूरी काम छोड़कर, जनता की मूलभूत समस्याओं के निराकरण की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के उद्देश्य से लिखी गई है। इस मानवीय पहलू की ओर सभी लोग विचार करें।

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