जन्नत मेरी है, जन्नत मेरी है
अल्लाह से रखता स्वार्थ का रिश्ता,
दीन-धर्म को मैं समझता हूँ सस्ता।
स्कूल जाते बच्चे लेकर बस्ता,
मदरसा खाली-खाली है।।
कलिमा बच्चों को सिखाया नहीं पर,
जन्नत मेरी है, जन्नत मेरी है।
नमाज़ नहीं एक टाइम की पढ़ता,
अज़ान अनसुनी रोज़ मैं करता।
हारी मस्जिद पर जान जलाऊं पर,
मुहल्ले की मस्जिद सूनी है।।
जहन्नम में जाने के काम करूं पर,
जन्नत मेरी है, जन्नत मेरी है।
रोज़े नहीं मैं रखता हूँ,
ज़कात अदा भी नहीं करता।
हज करने की नहीं नीयत मेरी,
भले ही पड़ौसी देते ताने।।
ईद-जुमा की नमाज़ पढ़ता पर
जन्नत मेरी है, जन्नत मेरी है।
दुनिया भर का ज्ञान मुझे,
राजनीति का हूँ मैं पंडित।
क़ुरान-हदीस का ज्ञान नहीं,
पर समझता ख़ुद को आलिम।।
मैं बातों का जादूगर, दुनिया हारी है
जन्नत मेरी है, जन्नत मेरी है।
बेटो मेरा रणवीर जैसा,
और बेटी जैसे दीपिका।
बीवी मेरी क्या किसी से कम है,
उसके आगे शर्माए भूमिका।।
नंगी घर की औरतें हो गईं, बात कड़वी है
जन्नत मेरी है, जन्नत मेरी है।
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