हाथ से खाना खाने के फायदे क्या हैं?

आधुनिक शिक्षा से शिक्षित लोग, टेबल-कुर्सी पर बैठकर, छुरी-काँटे के ज़रिए खाना खाने को सभ्य तरीक़ा समझते हैं। उनकी नज़र में हाथ से खाना खाने वाले लोग बैकवर्ड क्लास होते हैं। लेकिन आधुनिक दुनिया के प्रतीक अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने, एक रिसर्च के ज़रिए हाथ से खाना खाने के महत्व को उजागर किया है। विस्तार से जानने के लिये पढ़िये, आज की यह स्पेशल रिपोर्ट।

 

 

जब खानों की बात चले तो दुनिया के कई देशों के बेहतरीन खाने के साथ ही भारतीय खानों का भी ज़िक्र होता है। जब नॉन-वेज खानों की बात चलती है तो मुस्लिम खानसामों और गृहणियों द्वारा बनाए गये लज़ीज़ खानों को कोई भुला ही नहीं सकता। 

 

ख़ास मसालों से बने इन वेज और नॉन-वेज भारतीय पकवानों को खाने का तरीक़ा भी बाक़ी दुनिया से अलग है। एक ओर जहां पश्चिमी देशों में चम्मच-कांटे से खाने का चलन है तो हमारे यहां हाथों से खाना आम बात है। आधुनिकतावादी लोग इस तरीक़े की यह कहकर आलोचना करते हैं कि इससे संक्रमण का ख़तरा रहता है। लेकिन अब कई स्टडीज में यह ख़ुलासा हुआ है कि हाथों से खाने पर भोजन का स्वाद बढ़ जाता है। यह चौंकाने वाली बात है न!

 

न्यूयॉर्क (अमेरिका) की स्टीवन्स यूनिवर्सिटी में एक स्टडी के तहत लगभग 50 लोगों पर प्रयोग किया गया। उनके सामने एक जैसा खाना रखा गया। आधे प्रतिभागियों को हाथ से खाने को कहा गया और आधों को उसे चम्मच से खाना था। इस स्टडी से यह नतीजा निकलकर सामने आया कि जिन लोगों ने हाथों से खाना खाया था वे उसे बेहद स्वादिष्ट बता रहे थे, जबकि चम्मच से खाने वालों के लिये वो एक औसत दर्जे का खाना था। ऐसा क्यों हुआ? आइये इसे जानने के लिये इस स्टडी के रिज़ल्ट पर ग़ौर करें।

इस स्टडी के दौरान ये भी देखा गया कि जो लोग हाथों से खाते हैं, उनकी ख़ुराक़ ज़्यादा होती है, जबकि कांटे-चम्मच से खाने पर लोग आधा-अधूरा खाकर भी पेट भरा हुआ महसूस करने लगते हैं। 

 

 

असल में इसके पीछे ये यह कारण होता है कि खाने को हाथों से खाने पर दिमाग़ के सेंसरी ऑर्गन सक्रिय हो जाते हैं और खाने के स्वाद का ज़्यादा बेहतर ढंग से अंदाज़ा हो पाता है। मतलब यह कि जब हमारे हाथ, किसी खाने की चीज़ को छूते हैं तो हमारे दिमाग़ को फौरन मैसेज चला जाता है। जब हम खाना मुंह में डालते हैं उससे पहले मुंह की स्वाद ग्रंथियां एक्टिव हो जाती है, इसलिये खाना ज़्यादा ज़ायकेदार महसूस होता है।

 

इसके विपरीत, चम्मच में लिया गया खाना मुंह में डालने के बाद स्वाद ग्रंथियां सक्रिय होती है। इसलिये चम्मच से खाये हुए खाने का ज़ायका कम महसूस होता है।

 

इसी तरह का एक और प्रयोग किया गया, जिसमें 145 लोग शामिल थे। इसे भी दो समूहों में बांटा गया। सारे ही लोगों को एक प्लास्टिक के कप में कई डोनट दिये गये। इसमें से कुछ को हाथ से डोनट खाने को कहा गया, जबकि कुछ को चम्मच से। शोध में शामिल सभी लोगों को डोनट का स्वाद और टेक्सचर जैसी बातों पर भी कमेंट करना था।

 

नतीजा फिर पहले वाली स्टडी से मिलता-जुलता रहा। हाथ से डोनट खाने वालों को डोनट ज्यादा पसंद आया, जबकि चम्मच से खाने वालों ने उसे औसत बताया। कुछ लोगों ने तो ख़राब स्वाद की भी शिकायत की। इसके अलावा ये भी देखा गया कि हाथ से खाने पर लोगों को अपनी भूख का ज़्यादा अच्छी तरह से अंदाज़ा हुआ और वे सही डाइट ले सके।

हमारे समाज में पारंपरिक खाने के अलावा बहुत कम चीज़ें ऐसी हैं, जिनके लिए चम्मच का इस्तेमाल होता है, जैसे दही, सूप, खीर, आइसक्रीम वग़ैरह।

 

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सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़
आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप 9829346786

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Comments (5)
Mo Tahir kazi

Hamare nabi hajrat mohammd mustufa slllhu alyhi vaslamne 14 so sal phele bta diya tha khana khane se phele hatha tho na kulli karna bismillha pdna betha kar khana sithe hatha se khana

Tue 29, Jun 2021 · 09:55 am · Reply
MD Korban Ali

A very important article as connection between soul & mind shows satisfection at the time of eating a delicious food by the help of hand. Hand helps teeth twisting meals that teeth takes sort times to chew a spoon & others can't do like that. Touching meals by hand reports brain & taste comes for its twist i.e co-related fact exists. Almighty knows better as He controls all things. Very good for publication an important article. A lot of thanks.

Tue 29, Jun 2021 · 05:46 am · Reply
Abid Khan

Bahtreen post

Tue 29, Jun 2021 · 12:00 am · Reply
MOHAMMAD ANWAR

बहुत ही शानदार

Mon 28, Jun 2021 · 09:10 pm · Reply
Insaf khan

Alhamdulillah Allah Hu Akbar

Mon 28, Jun 2021 · 09:08 pm · Reply