हेट स्पीच : निंदा के लिये समान दृष्टिकोण अपनाना होगा
हरिद्वार (उत्तराखंड) में 19 से 22 दिसंबर 2021 तक एक धर्म-संसद का आयोजन हुआ। म्यांमार की तर्ज़ पर भारत में भी मुस्लिमों के नरसंहार जैसी भड़काऊ बयानबाज़ी हुई।
19 दिसंबर 2021 को दिल्ली में सुदर्शन चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके ने बड़ी संख्या में हिंदुओं को हिंदू राष्ट्र निर्माण की शपथ दिलाई।
इन दोनों कार्यक्रमों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मुस्लिम समाज में चिंता की लहर व्याप्त है। इन कार्यक्रमों के आयोजकों और वक्ताओं के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की माँग की जा रही है।
सही बात है, कार्रवाई होनी चाहिये। भड़काऊ बयानबाज़ी करने वाले हर व्यक्ति के ख़िलाफ़ बिना किसी भेदभाव के होनी चाहिये। एक भड़काऊ बयान असदुद्दीन ओवैसी ने भी दिया है। उस बयान को हिंदूवादी संगठन अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बचाव के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
मार्च 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के चुनावों पर सबकी नज़र है। इन्हीं राज्यों में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें की जा रही है। हिंदूवादी पार्टियां जहाँ हिंदू ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही हैं वहीं ओवैसी की AIMIM मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश में जुटी है।
आइये अब हम विस्तार से इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं।
■ 12 दिसम्बर 2021, कानपुर : असदुद्दीन ओवैसी की यूपी पुलिस को चेतावनी
असदुद्दीन ओवैसी 12 दिसंबर को कानपुर के दौरे पर आए थे। यहां उन्होंने GIC ग्राउंड, लाल इमली चौराहा पर शोषित वंचित समाज सम्मेलन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने ये भड़काऊ भाषण दिया था। 11 दिन बाद उनका ये बयान वारयल हो रहा है। करीब 45 मिनट के भाषण के 40 मिनट बाद उन्होंने पुलिस को धमकी भरे अंदाज में चेतावनी दी।
पुलिस के कथित जुल्मों को गिनाते हुए ओवैसी बोले, 'मैं पुलिस के उन लोगों से कहना चाहता हूं, याद रखो इस बात को, कि हमेशा योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेगा, हमेशा मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेगा। हम मुसलमान वक़्त के ऐतबार से ख़ामोश ज़रूर हैं लेकिन याद रखो हम तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं। हम तुम्हारे जुल्म को याद रखेंगे। अल्लाह अपनी ताक़त से तुमको नेस्तोनाबूद करेगा। हालात बदलेंगे, कौन बचाने आएगा तुमको जब योगी अपने मठ में चलें जाएंगे, मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे, जब कौन आएगा? हम नहीं भूलेंगे, हम याद रखेंगे।'
ओवैसी एक सियासी लीडर हैं, वो चुनाव लड़ें लेकिन इस तरह के बयान के ज़रिए माहौल ख़राब न करें। मुस्लिम समाज के समझ-बूझ रखने वाले सभी लोगों की यह ज़िम्मेदारी है कि वे इस प्रकार के बयानों की भी कड़ी निंदा करें क्योंकि ऐसा करना नैतिकता का तकाज़ा भी है।
■ 19 दिसंबर 2021, नई दिल्ली : सुरेश चव्हाणके की हिंदू राष्ट्र शपथ
स्क्रॉल.इन और न्यूजलॉन्ड्री ने सोशल मीडिया पर वायरल उन वीडियोज को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की हैं, जिनमें चव्हाणके ‘हिंदू युवा वाहिनी’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शपथ लेते दिख रहे हैं। यह कार्यक्रम 19 दिसंबर को हुआ था।
रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में चव्हाणके को यह कहते सुना जा सकता है, ‘इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाने और हिंदू राष्ट्र बनाए रखने के लिए जरूरत पड़ने पर हमें लड़ना, मरना और मारना पड़ेगा।’ इस कार्यक्रम में मौजूद भीड़ ने भी इन्हीं शब्दों को दोहराते हुए ‘शपथ’ ली।
■ 19-22 दिसंबर 2021, हरिद्वार : भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिये मरने-मारने का आह्वान
हरिद्वार में आयोजित हुई इस धर्म संसद में मुसलमान से हिंदू बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व में सैयद वसीम रिज़वी) भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और ग़ाज़ियाबाद के साधु यति नरसिंहानंद सरस्वती, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और दक्षिणवादी संगठन हिंदू रक्षा सेना के स्वामी प्रबोधानंद, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर शकुन पांडे उर्फ मां अन्नपूर्णा, धर्म संसद के आयोजक पंडित अधीर कौशिक समेत हज़ार से अधिक महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत जुटे। जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी समेत हरिद्वार के सभी प्रमुख अखाड़े इसमें शामिल रहे।
इस धर्म संसद में बहुत-कुछ भड़काने वाली बातें कही गई, जिसकी एक झलक आप वीडियो में देख चुके हैं। लगभग सभी वक्ताओं के भाषण, हिंदू-मुस्लिम नफ़रत को बढ़ावा देने से ही संबंधित थे।
इंटरनेट के इस दौर में बहुत जल्दी ही ऐसी चीज़ें वायरल हो जाती है। ये भड़काऊ भाषण इंटरनेशनल लेवल पर चर्चा का विषय बन गये हैं। अलग-अलग किस्म की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इन प्रतिक्रियाओं के कारण हमारे देश की छवि धूमिल हो रही है।
■ सबकी अपनी-अपनी सफाई
ओवैसी कह रहे हैं कि उनके बयान में कुछ आपत्तिजनक नहीं। ओवैसी ने कहा कि मेरे 45 मिनट के भाषण में से 1.45 मिनट की यह एडिट की गई क्लिप अयोध्या में हुई धर्म संसद में दिए गए नफरत भरे भाषणों के मामले से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वायरल की जा रही है। उन्होंने कहा, 'मैंने हिंसा भड़काने की कोशिश नहीं की, न ही कोई धमकी दी। मैंने पुलिस के अत्याचारों को लेकर बात की थी। मैंने कहा था कि हम पुलिस के अत्याचारों को याद रखेंगे... क्या यह आपत्तिजनक है?'
ऐसी ही सफ़ाई सुरेश चव्हाणके दे रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिये वही शपथ दिलाई है जो छत्रपति शिवाजी महाराज ने 26 अप्रैल 1645 में रायरेश्वर महादेव मंदिर में ली थी।
ऐसी ही सफ़ाई धर्म संसद के संत-महंत दे रहे हैं, वे भी अपने बयानों को उचित ठहराते हुए अपनी बात पर क़ायम हैं।
सवाल यह उठता है कि अगर ये सब सही हैं तो फिर ग़लत कौन है?
बीजेपी के नेता ओवैसी को कोस रहे हैं मगर सुरेश चव्हाणके की हिंदू राष्ट्र शपथ और धर्म संसद हरिद्वार में हुई भाषणबाज़ी पर ख़ामोश हैं। वहीं सेक्युलर पार्टियों के नेता ओवैसी पर ख़ामोश हैं और हिंदुत्ववादी लोगों के बयानों पर मुखर तेवर अपनाए हुए हैं।
ऐसे हालात में देश के सभी नागरिकों, ख़ास तौर पर हिंदुओं और मुसलमानों की ज़िम्मेदारी है कि अपने-अपने समाज में मौजूद इन विभाजनकारी लोगों को रिजेक्ट करें तभी हम लोग अपनी आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा शांतिपूर्ण माहौल दे पाएंगे।
इसके साथ ही सरकार की भी ज़िम्मेदारी है कि साम्प्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाले लोगों के ख़िलाफ़ बिना किसी पूर्वाग्रह के एक समान कार्रवाई करे। यह संदेश दिया जाए कि क़ानून-व्यवस्था बिगाड़ने की इजाज़त किसी व्यक्ति को नहीं दी जाएगी, चाहे वो किसी भी धर्म से संबंध रखनेवाला हो और वो चाहे कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।
डिस्क्लेमर : इस लेख का उद्देश्य देश में साम्प्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाले लोगों की कुत्सित चालों से देशवासियों को ख़बरदार करना है। किसी जाति, धर्म, समाज या व्यक्ति का अपमान करना हमारा उद्देश्य हरगिज़ नहीं है।
सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़
आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क
Leave a comment.