हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा : केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि कोरोना वायरस का प्रकोप जल्द थमने वाला नहीं है। 8 मई 2020 को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा और इसके लिए हमें अपने व्यवहार में कुछ बदलाव लाने होंगे।
उनका आगे कहना था कि नई सामान्य स्थिति अब यह होगी कि सोशल डिस्टेसिंग जैसी सावधानियां रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा हो जाएंगी। लव अग्रवाल ने यह भी कहा कि यह लड़ाई मुश्किल है और इससे पार पाने के लिए सबके सहयोग की जरूरत होगी।
इससे पहले दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि जून और जुलाई में कोरोना वायरस के मामले अपने चरम पर पहुंच सकते हैं।
इन दोनों ख़बरों को एक साथ मिलाकर देखने से पता चलता है कि,
01. जब तक कोई प्रभावी वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती तब तक लोगों को एहतियात बरतते हुए जीने की आदत डालनी होगी।
02. इसका मतलब यह हुआ कि सरकार अब लॉक डाउन की सख्तियां कम कर सकती है ताकि रोज़गार से जुड़ी गतिविधियां शुरू हो सके। अब आम जनता की ज़िम्मेदारी होगी कि वो सावधानी बरतते हुए अपने दैनिक कामकाज करें।
03. नई टेस्टिंग पेपर किट फेलूदा के आने के बाद कोरोना संक्रमितों की जाँच में तेज़ी आएगी। उसकी वजह से एकबारगी मरीज़ों की तादाद में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। एम्स के डॉक्टर की सलाह को इसी रूप में लिया जाए।
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