गौ संरक्षण हेतु एकसमान नीति ज़रूरी

गौहत्या, गौतस्करी, गौवंश को चोट पहुंचाने जैसे अपराधों को रोकने के लिये उत्तर भारत के कई राज्यों में क़ानून बने हुए हैं। लेकिन दक्षिण व पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में गौमांस (बीफ़) की बिक्री अपराध नहीं है। गाय हिंदू समाज के लिये पूजनीय है, आदरणीय है, इसलिये गौसंरक्षण के लिये पूरे देश में एक समान क़ानून होना चाहिये। यह आर्टिकल इसी मुद्दे पर केंद्रित है।

सौ साल से भी अधिक समय से, मुस्लिम समाज की गर्दन पर गौहत्या, गौतस्करी नाम की तलवार लटकी हुई है। इसके नाम अनेक दंगे हुए, सैकड़ों लोग मारे गये, करोड़ों रुपये की संपत्तियां लूट ली गईं या आग के हवाले कर दी गई। मुस्लिम औरतों की आबरू पर हमला किया गया।

यह सब क्यों हुआ? अब तक इस पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकी है? कब तक एक समाज को गाय के नाम पर सूली पर चढ़ाया जाता रहेगा? अब यह खेल बंद होना चाहिये। हम इस माँग-पत्र के माध्यम से पूरे देश के लिये "एकसमान गौ-नीति" बनाने की माँग करते हैं।

गौसंरक्षण हेतु माँग-पत्र

गाय के धार्मिक महत्व को देखते हुए उसके आदर-सम्मान व संरक्षण की व्यवस्था पूरे देश मे एकसमान तरीक़े से की जानी चाहिये। ऐसा नहीं होना चाहिये कि उत्तर भारत में गौहत्या के नाम पर तो इंसानों की हत्या कर दी जाए मगर दक्षिण भारत व पूर्वोत्तर भारत में धड़ल्ले से गौमांस बेचा व खाया जाए। एक देश में एक समान क़ानून होना चाहिये। इसीलिये नीचे कुछ सुझाव दिये जा रहे हैं।

01. गाय को पवित्र प्राणी का दर्जा प्रदान किया जाए और इसकी पालना सम्पूर्ण भारत में कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

02. गौवंश की रक्षा के लिये गौसंरक्षण एवं संवर्धन क़ानून बनाया जाए और उसे सम्पूर्ण भारत में लागू किया जाए। सिर्फ़ शाकाहारी लोग ही गौपालन करें यह सुनिश्चित करने के लिये, इस क़ानून में कड़े प्रावधान किये जाएं ताकि मांसाहारी लोग किसी भी सूरत में गाय न पाल सकें।

03. गौहत्या करना, मानव हत्या करने के समान अपराध हो। गौमांस के बेचने, खरीदने और खाने पर पूरे देश में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। गोवा हो या केरल, तमिलनाडु हो या तेलंगाना, बंगाल हो या पूर्वोत्तर के सभी राज्य; सभी स्थानों पर इस क़ानून की पूरी तरह पालना कराई जाए।

04. गाय को पवित्र प्राणी का दर्जा प्राप्त होने के नाते सम्पूर्ण गौवंश का आदर-सम्मान किया जाना अनिवार्य किया जाए। गाय को डंडा मारना या दुत्कारना भी अपराध की श्रेणी में लाया जाए।

05. गौतस्करी व गौहत्या पर नियंत्रण के लिये पूरे देश में ग्राम पंचायत, नगर पालिका, परिषद, निगम आदि के ज़रिए गौ-गणना कराई जाए। इन सभी निकायों में गौ-संख्या का रिकॉर्ड रखा जाए।

06. ग्राम पंचायतों व शहरी स्थानीय निकायों में गौ जन्म व मृत्यु पंजीकरण की व्यवस्था की जाए। गौवंश के जन्म व मृत्यु के पंजीकरण को अनिवार्य बनाया जाए ताकि हर हाल में गायों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सके।

07. गाय की मृत्यु हो जाने पर, पूर्ण आदर-सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार कराया जाना और उसकी अस्थियों का गंगाजी में विसर्जन किया जाना क़ानूनन अनिवार्य किया जाए। जिस देश में गौहत्या के शक में ही मानव-हत्या कर दी जाती हो, उस देश में गाय का मरणोपरांत अंतिम संस्कार करना पूरी तरह उचित है।

08. गौवंश की प्राकृतिक मृत्यु के बाद, उसकी खाल, हड्डियों और मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। खेद की बात है कि वर्तमान में ऐसी कोई व्यवस्था न होने के कारण गौवंश की मृत देह का अनादर होता है।

09. गौतस्करों पर अंकुश लगाने के लिये गौवंश के परिवहन हेतु परमिट की व्यवस्था लागू की जाए। जिस वाहन में गौवंश का परिवहन किया जाए उसकी जीपीएस द्वारा मोनिटरिंग सुनिश्चित की जाए ताकि हर समय उसकी लोकेशन की रियल टाइम जानकारी रहे।

10. गौवंश को लावारिस छोड़ना दंडनीय अपराध बनाया जाए। आवारा छोड़े गये गौवंश द्वारा किये गये जान, माल व फसलों के नुक़सान की भरपाई गौवंश के मालिक से कराई जाए। गौवंश के मालिक की पहचान सुनिश्चित करने के लिये, गौवंश के गले में उसके मालिक के आधार कार्ड नम्बर का धातु से बना बिल्ला लटकाना क़ानूनन अनिवार्य किया जाए।

यह माँग भारत सरकार से है लेकिन इसके लिये जनमत तैयार करने के लिये इसे आम जनता के सामने पेश कर रहे हैं। हम हिंदू समाज के सभी लोगों से, सभी संगठनों से, सभी धर्माचार्यों से विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि इस माँग-पत्र को समर्थन प्रदान करें। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की सहमति पाने के लिये इस माँग-पत्र को हर व्यक्ति तक शेयर करें। धन्यवाद।

डिस्क्लेमर : यह लेखक के अपने विचार हैं। लेखक का मानना है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिये उन सभी विवादों का निपटान किया जाना चाहिये जिनकी वजह से देश में साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा होती है।

Leave a comment.