G-23 या केसरिया कांग्रेस?

राज्यसभा से कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की भावनात्मक विदाई के कुछ दिनों बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने सहयोगियों के साथ जम्मू में शनिवार 27 फ़रवरी 2021 को एक मंच पर दिखे।
यह कार्यक्रम "गांधी ग्लोबल फैमिली" नामक एक एनजीओ का था। इस सार्वजनिक कार्यक्रम में कई वे नेता शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल गांधी परिवार के नेतृत्व की शैली पर सवाल उठाए थे। प्रमुख नाम हैं, ग़ुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर। ख़ास बात यह है कि इन सभी कांग्रेसी नेताओं ने केसरिया पगड़ी बांध रखी थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर और या फिर लद्दाख हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का एक ही तरह से सम्मान करते हैं। यही हमारी ताकत है और इसे हमेशा ऐसे ही जारी रखा जाएगा। आजाद ने कहा कि राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं। साथ ही मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं।
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग कहते हैं जी-23 पर मेरा मानना है कि यह गांधी-23 है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।
इसके बाद कार्यक्रम में कपिल सिब्बल ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सच ये है कि हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर होते देख रहे हैं। यही वजह है कि आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमारा उद्देश्य एक साथ होकर पार्टी को मजबूत करना है। गुलाम नबी आजाद के अनुभव और भूमिका पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें उस इंजीनियर के रूप में जाना जाता है जोकि विमान उड़ाने के साथ ही खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में साथ देता है।
इसके बाद वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व पर बोलते हुए कहा कि 1950 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब संसद के उच्च सदन में केंद्र शासित प्रदेश का कोई प्रतिनिधि नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हमारी आवाज पार्टी के उज्जवल सियासी भविष्य के लिए है। नई पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमने पार्टी के अच्छे दिन देखे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर हम पार्टी को कमजोर होते हुए नहीं देखना चाहते।
ये केसरिया कांग्रेस, केसरिया बीजेपी को चुनौती देगी या उसकी सहयोगी बनेगी, इसका जवाब आने वाला समय देगा।
सलीम ख़िलजी
(चीफ़ एडिटर आदर्श मुस्लिम व आदर्श मीडिया नेटवर्क)
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