दिल्ली दंगों की चार्जशीट : कपिल मिश्रा का ज़िक्र तक नहीं

दिल्ली दंगों को लेकर दायर की गई चार्जशीट में बीजेपी नेता (BJP) नेता कपिल मिश्रा का कहीं कोई जिक्र नहीं है। दंगों के घटनाक्रम में हिंसा के लिए जामिया प्रदर्शनकारियों और नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। 23 फ़रवरी 2020 को दिये गये कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण पर दिल्ली पुलिस ने चुप्पी साध रखी है।

इस चार्जशीट में नागरिकता संसोधन कानून के ख़िलाफ़ दिल्ली में हुए प्रदर्शन के दौरान कपिल मिश्रा का रास्ता खाली कराएंगे की धमकी का कहीं ज़िक्र नहीं है। दंगों की साज़िश में सिर्फ़ जामिया और नागरिकता कानून के विरोधियों पर आरोप है।

गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा से पहले कपिल मिश्रा उत्तर-पूर्वी दिल्ली पहुंचे थे और वहां सीएए का विरोध कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ भाषणबाजी की थी। मिश्रा का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए दिख रहे थे कि तीन दिन में रास्ता खाली करवा दें, वरना खतरनाक अंजाम होगा।

इस वीडियो की गूंज दिल्ली हाईकोर्ट में भी सुनाई दी थी जब एक मामले की सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा के भाषण का वीडियो वहां चलाया गया। इस वीडियो को देखने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की संगीनी को देखते हुए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज करने के निर्देश दिये थे।

यह मामला मीडिया की भी सुर्खी बना था। 26 फ़रवरी 2020 के इस वीडियो को देखिये। दिल्ली हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ कोई कारर्वाई न किया जाना दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है। कपिल मिश्रा के बयानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भड़काऊ माना गया है लेकिन दिल्ली पुलिस को उसमें शायद कोई आपत्तिजनक बात नज़र नहीं आई।

बहरहाल, दिल्ली दंगों की साज़िश के मामले में एसआईटी ने खालिद सैफी को गिरफ्तार किया है। खालिद सैफी को चांद बाग में हुई हिंसा की साजिश में शामिल होने के
आरोप में अरेस्ट किया गया है। चांद बाग हिंसा में आम आदमी पार्टी से निष्कासित पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। कहा गया है कि दिल्ली दंगों के पहले उमर खालिद और ताहिर हुसैन के बीच सैफी ने ही शाहीन बाग में मीटिंग करवाई थी। 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में हुई मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।

दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन के घर के बाहर गोली लगने से घायल हुए अजय गोस्वामी की हत्या की कोशिश के मामले
में चार्जशीट अदालत में दायर की थी। चार्जशीट में खुलासा किया गया है कि ताहिर हुसैन ने ही आरोपियों से कहा था कि बड़े दंगे के लिए तैयार रहना है और उसने आरोपियों को पैसे भी दिए थे।

चांदबाग इलाके में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में 1030 पन्‍नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के 'निलंबित' पार्षद ताहिर हुसैन को हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है। मामले में ताहिर हुसैन उसका भाई शाह आलम समेत कुल 15 आरोपी बनाए गये हैं।

FSL रिपोर्ट में यह बताया गया है कि ताहिर हुसैन के घर-दफ्तर की जानबूझकर DVR खराब की गई थी ताकि CCTV फुटेज सामने न आ पाएं। हिंसा के पहले ताहिर हुसैन के घर और दफ्तर में रोजाना क़रीब 25 से 50 लोगों की मीटिंग होती थी।

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