धर्मस्थलों के बारे में सरकारी गाइडलाइंस
लॉक डाउन के चलते, कोरोना महामारी से बचाव के नाम पर, क़रीब ढ़ाई महीने तक बंद रहने के बाद, देश के कई शहरों में कुछ शर्तों के साथ धर्मस्थलों को दोबारा खोलने की इजाज़त दी गई। भारत सरकार द्वारा जारी पोस्टर्स के ज़रिए, इस ब्लॉग में इस संबंध में जारी गाइडलाइंस की जानकारी दी जा रही है। बिलाल ख़िलजी, डेस्क एडिटर
◆ प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने के लिए सैनिटाइजर डिस्पेंसर का प्रयोग किया जाए और इन्फ्रारेड थर्मामीटर की भी व्यवस्था यथासंभव की जाए। सरकार द्वारा जारी, ई-पोस्टर में एल्कोहलयुक्त सैनिटाइज़र की कोई बाध्यता नहीं लगाई गई है।
◆ जिन व्यक्तियों में कोई कोरोना का लक्षण नहीं मिलेगा, केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी।
◆ सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को फेस कवर, मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा।
◆ कोरोना संक्रमण के प्रति जन जागरुकता के लिए परिसर में पोस्टर, स्टैंडीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा।
◆ कोविड-19 से बचाव की जानकारी देने वाली ऑडियो-वीडियो क्लिप लगातार चलाई जाए।
◆ जहां तक संभव हो, आने वाले व्यक्तियों को विभिन्न समूहों में बांटकर प्रवेश दिया जाए।
◆ जूते-चप्पलों को अपने वाहन आदि में उतारकर रखना होगा। यदि जरूरी हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति द्वारा स्वयं ही अलग-अलग खांचों या ब्लॉक में रखेगा।
◆ परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड़ प्रबंधन करते समय शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन करना होगा।
◆ परिसर में स्थित दुकानों, स्टालों और चाय-पान की जगहों पर सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन किया जाए।
◆ परिसरों में व्यक्तियों को लाइन में खड़े होने के लिए स्पष्ट दिखने वाले निशान या चिन्ह बनाए जाएं।
◆ प्रवेश और निकास की यथासंभव अलग-अलग व्यवस्था करनी होगी।
◆ लाइन में सभी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम छह फीट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे।
◆ परिसर में दाखिल होने से पहले हर व्यक्ति को अपने हाथ-पांव को साबुन व पानी से धोना होगा।
◆ बैठने के स्थानों को भी शारीरिक दूरी के अनुसार व्यवस्थित किया जाए।
◆ अगर एसी चलाई जा रही हो तो तापमान 24-30 के बीच रखना होगा। क्रॉस वेंटिलेशन के ज़रिए ताज़ा हवा आने का इंतज़ाम करा होगा।
◆ प्रतिरूप, मूर्तियों, पवित्र ग्रंथों आदि को छूने की अनुमति नहीं होगी।
◆ बड़ी संख्या में लोगों के इकठ्ठा होने पर पाबंदी रहेगी।
◆ रिकॉर्ड किए हुए भक्ति-संगीत या गाने बजाए जा सकते हैं लेकिन, समूह में गायन की अनुमति नहीं होगी।
◆ एक-दूसरे का अभिवादन करते समय शारीरिक संपर्क से बचना होगा।
◆ प्रार्थना सभाओं के लिए एक ही मैट या दरी से बचा जाए। श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग मैट और दरी आदि लानी चाहिए, जिसे वह अपने साथ वापस ले जा सकते हों।
◆ धार्मिक स्थल के अंदर किसी भी प्रकार के प्रसाद वितरण या पवित्र जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी।
◆ लंगर, सामुदायिक रसोई, अन्नदान आदि के लिए भोजन तैयार या वितरित करते समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना होगा।
◆ परिसर के अंदर शौचालयों, हाथ-पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता के विशेष उपाय करने होंगे।
◆ प्रबंधन द्वारा धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणुरहित करने के उपाय करने होंगे।
◆ परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा।
◆ आगंतुक अपने फेस कवर, मास्क, ग्लव्स आदि को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ेगे। यदि कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उसका उचित निपटान यानी डिस्पोजल करना होगा।
परिसर के अंदर संदिग्ध या पुष्ट केस मिलने पर
◆ बीमार व्यक्ति को ऐसे स्थान पर रखा जाए, जिससे कि वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल अलग हो जाए।
◆ डॉक्टर द्वारा उसकी जांच-परीक्षण होने तक उसे मास्क या फेस कवर दिया जाए।
◆ तुरंत निकटतम अस्पताल, क्लीनिक या स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर (18001805145) को सूचित किया जाए।
◆ नामित स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा मरीज और उसके संपर्कों आदि के संबंध में संक्रमण के जोखिम का मूल्यांकन किया जाएगा। उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
◆ यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाए तो परिसर को पूरी तरह कीटाणु-रहित किया जाएगा।
यह हैं सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस, जो ई-पोस्टर्स के रूप में हमारे टेलीग्राम चैनल पर प्राप्त हुईं। इन गाइडलाइंस में साफ़-सफ़ाई रखने की बात कही गई है, साबुन व पानी द्वारा हाथ-पांव धोने के निर्देश दिये गये हैं लेकिन इनमें कहीं पर भी एल्कोहलयुक्त सैनीटाइजर इस्तेमाल करने की बाध्यता का उल्लेख नहीं है।
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