कोविड-19 के साइड इफेक्ट्स सामने आने लगे हैं
आज की इस स्पेशल रिपोर्ट में हम दो दिल दहलाने वाली ख़बरों पर चर्चा करेंगे। दोनों ही घटनाएं उत्तरप्रदेश की हैं। इन्हें पढ़ने के बाद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कोविड-19 ने किस तरह हमारी सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था पर चोट पहुंचाने का काम किया है? मासूम बच्चों पर इसका कितना घातक असर पड़ रहा है? पूरी रिपोर्ट पढ़कर कमेंट बॉक्स में अपनी राय दीजियेगा।
■ पहली ख़बर : बेरोज़गार व्यक्ति ने ख़ुदकुशी की, तीन दिन के भूखे बच्चों ने पड़ौसी के घर जाकर खाना माँगा तब पता चला
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 3 दिनों तक मासूम बच्चे भूख से तड़पते रहे और उन बच्चों का पिता मनोज फांसी के फंदे पर लटका रहा। जब बच्चों को भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो वो पड़ोसी के घर पहुंचे और बोले कि 3 दिन से कुछ नहीं खाया है, पापा लटके हुए हैं, मर गये हैं। ऐसा सुनते ही पड़ोसियों के पैरों तले की जमीन खिसक गई। बच्चों की बेबसी देखकर हर किसी की आंख से आंसू बहने लगे।
यह मामला बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के गायत्री नगर का है। मंगलवार 15 जून 2021 को मनोज के बच्चे पड़ोसी के घर पहुंचे और बोले कि अंकल हम 3 दिन से भूखे हैं और पापा मर गए हैं। जिसके बाद पड़ोसी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो मनोज फांसी के फंदे पर लटका हुआ था और शव से दुर्गंध आ रही थी। मौके पर पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
मृतक डेढ़ साल से था बेरोज़गार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनोज नोएडा में जॉब करता था और पिछले साल लॉकडाउन में उसकी नौकरी छूट गई थी, जिसके बाद वो बरेली में आकर रहने लगा।
सूत्रों के मुताबिक़ नौकरी छूटने और क़रीब डेढ़ साल से बेकार रहने की वजह से आर्थिक तंगी हो गई जिस वजह से मनोज का पत्नी से आए दिन झगड़ा होता रहता था। इस घटना से 5 दिन पहले भी उसका पत्नी से झगड़ा हुआ था जिसके बाद उसकी पत्नी अपने दोनों बच्चों को छोड़कर चली गई। जिसके बाद मनोज ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। 6 साल का बेटा और 4 साल की बेटी इस हादसे से इतने सहम गये कि घर से बाहर भी नहीं निकले।
बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि मनोज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिग (फांसी से दम घुटना) आई है।
इस मामले का एक दुःखद पहलू यह है कि पत्नी से घर छोड़कर जाने से पहले अपने मासूम बच्चों की भी परवाह नहीं की। दूसरी दुःखद बात यह है कि पड़ौसियों ने मनोज की पत्नी के घर छोड़कर चले जाने के बाद उसकी ख़बरगीरी नहीं की। यह हमारे पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों में गिरावट की एक मिसाल है।
■ दूसरी ख़बर : कोविड-19 से पिता की मौत, मासूम बच्ची पढ़ाई छोड़ कमाने के लिये बाज़ार पहुंची
यह ख़बर यूपी के शाहजहांपुर की है। कोविड-19 के कारण यतीम हुए बच्चे घर परिवार का हाथ बंटाने लगे हैं। बुधवार 16 जून 2021 को ऐसी ही एक नन्हीं परी फुटपाथ पर पिता की बनाई शर्ट बिक्री करते दिखी। इंटरनेट मीडिया पर उसकी ख़बर वायरल हुई, उसके बाद ज़िम्मेदार लोग जागे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खिरनी बाग निवासी प्रदीप कुमार सक्सेना सिलाई करके अपने परिवार का पेट पाल रहे थे। मई माह में कोविड संक्रमण से प्रदीप सक्सेना की मौत हो गई। इससे रोज़ी-रोटी का ज़रिया बंद हो गया। छठी कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी रोज़ यही कहती, "बहुत याद आती है पापा! आ जाओ अब ज़िद नहीं करूंगी।" उसके पापा की बनाई कुछ शर्ट घर में रखी थी। बुधवार 16 जून को यह मासूम बच्ची पिता के हाथों से बनी शर्ट बिक्री के लिये बाज़ार में पहुंच गई।
मजबूर व लाचार बेटी का जज़्बा देख लोगों ने तस्वीर को इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। कुछ लोग बच्ची के घर गए। बच्ची विधवा मां व उसके बाबा-दादी की जिसने भी हालत देखी, उसका दिल पिघल गया।
महिला शक्ति केंद्र की अमृता दीक्षित ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में मदद के लिए फार्म भरवाया। कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट होने पर उन्होंने बताया कि चार हजार रुपये मासिक मदद के साथ पढ़ाई में भी मदद की जाएगी।
इस घटना का सुखद पहलू यह है समाज के ज़िम्मेदार लोगों ने समय रहते एक मजबूर परिवार की ख़बरगीरी की।
प्रिय पाठकों! प्राकृतिक हादसों के बाद जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। हर तरफ़ बर्बादी के निशान नज़र आते हैं। कोविड-19 ने लोगों को बहुत नुक़सान पहुँचाया है। हम इंसान हैं, हमारा फ़र्ज़ है कि हम ज़रूरतमंद लोगों का ख़याल रखें। साम्प्रदायिक झगड़ों और विवादों से बचने की कोशिश करें और ऐसी ख़बरों को वायरल करने के बजाय समाज के ज़रूरतमंद लोगों का दर्द लोगों तक पहुंचाने का काम करें।
अगर आपको यह रिपोर्ट उपयोगी लगी हो तो इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने में हमारी मदद करें।
सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़
आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क
जोधपुर, राजस्थान
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