कोरोना को भगाने के लिये मशाल जुलूस निकाला

इस पोस्ट के साथ हमने एक न्यूज़ का यूट्यूब वीडियो पेश किया है। यह वीडियो सही है। इस वीडियो पर एनडीटीवी के रवीश कुमार ने भी एक ब्लॉग लिखा है और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिया-मोमबत्ती जलाने के आह्वान पर तेलंगाना के विधायक राजा सिंह और उनके समर्थकों ने मशालें जलाईं। उन्होंने गो-बैक गो-बैक, चाइना वायरस गो-बैक के नारे भी लगाए।

इस वीडियो को देखकर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं,

01 विधायक राजा सिंह को सोशल डिस्टेंस का नियम या तो मालूम नहीं है या फिर केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े होने के कारण उन पर यह नियम लागू नहीं होता।

02. हमने सुना है कि जंगली जानवरों को भगाने के लिये मशालें जलाई जाती हैं। बिजली विधायक राजा सिंह के मशाल जुलूस से यह महसूस होता है कि कोरोना वायरस एक जंगली जानवर है और वो भी आग से डरता है।

03. विधायक राजा सिंह और उनके समर्थकों द्वारा लगाए गये नारों से यह साबित होता है कि कोरोना वायरस अंग्रेज़ी भाषा समझता है और वो इस नारे का मतलब समझता है।

04. विधायक राजा सिंह कोरोना के नारे से यह साबित होता है कि कोरोना यक़ीनी तौर पर एक चाइनीज़ वायरस है। अगर ऐसा है तो निर्दोष नागरिकों को बीमार करने और उनकी हत्या करने के आरोप में हमारे देश की सरकार को, चीन सरकार के ख़िलाफ़ इंटरनेशनल कोर्ट में मुक़द्दमा करना चाहिये।

हमें उम्मीद है कि उपरोक्त निष्कर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहमत नहीं होंगे। इसलिये हम उनसे निवेदन करते हैं कि आइंदा ऐसा कोई आह्वान न करें जिस पर आपकी पार्टी के अति-उत्साही नेता व कार्यकर्ता इस प्रकार की प्रतिक्रिया दें। ग़ौरतलब है इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताली-थाली-घंटी बजाने के आह्वान पर बाक़ायदा ढोल-थाली जुलूस निकाला जा चुका है।

हमारा मानना है कि जनता में एकजुटता का भाव पैदा करने के लिये, अपने-अपने घर की बालकनी में या छत पर खड़े होकर जन-गण-मन गाने का आह्वान करना ज़्यादा बेहतर होता। उम्मीद है माननीय प्रधानमंत्री आइंदा कोई आह्वान करेंगे तो ऐसा ही करेंगे।

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