कोरोना कब तक कंट्रोल हो पाएगा?

आज बीबीसी की दो न्यूज़ रिपोर्ट्स देखकर दो बातें सामने आईं।

01. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि कोरोना से प्रभावी रूप से निबटने में 12 हफ्तों का समय लग सकता है।

02. दुनिया भर के वैज्ञानिक एकजुट होकर कोरोना पर स्थायी नियंत्रण के लिए वैक्सीन यानी टीका बनाने में जुटे हैं। ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ ने कहा कि कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण के लिए प्रभावी वैक्सीन तैयार करने में साल भर का वक़्त लग सकता है।

इस बीच दुनिया के कई देशों में कोरोना पर नियंत्रण पाने की भी ख़बरें आईं हैं जिनमें चीन भी शामिल है जहाँ से इस बीमारी की शुरुआत हुई थी। हमारे देश में भी कई कोरोना मरीज़ इलाज के बाद ठीक हुए हैं।

अब हम इन दोनों पॉइंट्स पर विस्तार से बात करते हैं।

12 हफ़्ते यानी तीन महीने। इस समय कई शहरों में लॉकडाउन की स्थिति है। ट्रेनों एवं सार्वजनिक परिवहन के साधन बंद हैं। ज़रूरी चीज़ों को छोड़कर बाक़ी प्रतिष्ठान बंद हैं। इन सेवाओं को चरणबद्ध तरीक़े से बहाल किया जाएगा लेकिन पूरी तरह पहले जैसी सामान्य स्थिति आने में तीन महीने का वक़्त लग सकता है। सरकार कोशिश कर रही है कि स्थिति को बेक़ाबू होने से रोका जाए। इसका मतलब यह है कि कुछ समय तक लोगों को सब्र, एहतियात और सहयोग की भावना से काम लेना होगा।

किसी बीमारी के इलाज के दो चरण होते हैं। पहला, परहेज़ व दवाओं के ज़रिए बीमारी पर नियंत्रण करना। दूसरा, वैक्सीन या टीका के ज़रिए बीमारी को आइंदा पैदा होने से रोकना। पहला चरण तात्कालिक राहत दिलाने का काम करता है जबकि दूसरा चरण यानी वैक्सिनेशन हमारे जिस्म को उस ख़ास बीमारी का मुक़ाबला करने में सक्षम बनाने का काम करता है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि वो हमारी इम्यूनिटी पावर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ावा देता है।

हम अपनी पहले की पोस्ट्स में बार-बार कह चुके हैं कि इस समय आतंकित होने की नहीं बल्कि हिम्मत और हौसला रखने की ज़रूरत है। क़रीब-क़रीब हर बीमारी से लड़ने की ताक़त अल्लाह ने इंसान के जिस्म में ही रखी है। लेकिन ग़लत खान-पान और नुक़सान देने वाली चीज़ों के इस्तेमाल से हम अपनी इम्यूनिटी पावर कम कर रहे हैं।

लेकिन अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है। इस जिस्म को अल्लाह की अमानत समझिए। जिन चीज़ों को खाने-पीने से अल्लाह ने रोका है, उनसे रुक जाइये। तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब, अफीम, गांजा, स्मैक जैसी नशीली चीज़ें जिस्म को खोखला कर देती हैं। अगर हम नुक़सान पहुंचाने वाली चीज़ें छोड़कर फायदेमंद चीज़ें इस्तेमाल करेंगे तो यक़ीन जानिए हमारा जिस्म ख़ुद ऐसी सेल्स पैदा करेगा जो रोग फैलाने वाले वायरस को ख़त्म कर दे।

अगली पोस्ट में हम वैज्ञानिक तथ्यों के ज़रिए यह जानकारी देने की कोशिश करेंगे कि वायरस क्या होते हैं? वो कैसे काम करते हैं? और उनको कैसे ख़त्म किया जा सकता है? सही जानकारी को आम करने में मददगार बनना हर अच्छे नागरिक का कर्तव्य है।

Leave a comment.