बिजली बिल माफ़ कैसे होंगे?

बिजली बिल माफ़ कैसे होंगे?

सरकार से दो महीने के बिजली-पानी के बिल माफ़ कराने की डिमांड, पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया चल रही है। कुछ भाइयों ने इसमें बैंक लोन की ईएमआई वगैरह माफ़ करने की भी डिमांड की है।

ये डिमांड ग़लत है। जी हाँ! सही पढ़ा आपने, ये डिमांड ग़लत है। अब आप जान लीजिये कि क्यों ग़लत है?
हमें सरकार से बिजली-पानी बिल माफ़ी की भीख मांगने के बजाय कुछ और डिमांड करनी चाहिये।

पहली बात, हमने सरकार के कहने पर कारोबार बंद किया।
दूसरी बात, हमने सरकार के आदेश की पालना में लॉकडाउन की पाबंदी की, घरों में रहे और मज़दूरी पर नहीं जा पाए।
इसलिये सरकार हमारे कारोबार और मज़दूरी में जितना नुक्सान हुआ है, उसकी भरपाई हम लोगों को करे। हम बिजली-पानी का बिल भी भरेंगे और बैंक लोन की किस्तें भी चुकाएंगे।
एक बात और! सरकार चाहे तो इस मुआवज़ा राशि में से उन लोगों के खाते में से, उतने रुपये काट सकती है, जितने रुपयों का उसने मुफ्त अनाज बांटा है।

यह है सही डिमांड, जो हमें करनी चाहिये। _मशहूर कहावत है, जब सीधी अंगुली से घी न निकले तो अंगुली को टेढ़ा करना पड़ता है।

रहा सवाल महामारी से लड़ने का, तो इसका जवाब यह है कि सरकार ने जिस तरह आज लॉकडाउन को आंशिक रूप से खोला है, उसी तरह पहले भी खोल सकती थी। आज आत्मनिर्भर भारत की बात कही जा रही है, जबकि लॉक डाउन लागू होने से पहले लोग आत्मनिर्भर ही थे।

इसलिये हमारा मानना है कि हम भीख मांगने के बजाय, अपना अधिकार मांगें। जिस दिन, कामकाजी नुक़सान के मुआवज़े की यह माँग ज़ोर पकड़ लेगी, यक़ीन जानिये, उस दिन लॉक डाउन पीरियड के बिजली-पानी सहित तमाम सरकारी बिल माफ़ कर दिये जाएंगे।
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