बेटी बचाओ, वहशी लोगों से!
13 मई 2021 को पाकिस्तान में ईदुल फ़ित्र मनाई गई। कुछ मुस्लिम लड़कियों ने अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम एकाउंट पर अपने फोटो अपलोड किये।
उसी दिन, भारत में ‘लिबरल डॉग लाइव (Liberal Doge Live)’ नाम के एक यूट्यूब चैनल से एक वीडियो लाइव स्ट्रीम किया गया। स्क्रीन पर एक-एक करके कई सारी पाकिस्तानी लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो आ रहे थे। ये वो फोटो और वीडियो थे, जिन्हें पाकिस्तान की लड़कियों ने ईद के मौके पर अपलोड की थी। बैकग्राउंड से दो लड़कों की आवाज़ आ रही थी, जो आपस में बात कर रहे थे। दोनों लड़के इन लड़कियों की शारीरिक बनावट पर कमेंट कर रहे थे, और उस हिसाब से उन लड़कियों को रेटिंग दे रहे थे। फिर इन्हें वर्चुअली नीलाम कर रहे थे।
इस यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग के डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “आज अपनी ठरकभरी आंखों से लड़कियां ताड़ेगे।”
इसकी यूट्यूब से शिकायत की गई। यह चैनल झारखंड से चलाया जा रहा था, उसके ख़िलाफ़ एफआईआर भी की गई। जिसके नतीजे में यूट्यूब से वो चैनल डिलीट कर दिया लेकिन उस वीडियो का एक हिस्सा वायरल हो गया है, जिसे सुनकर साफ पता चल रहा है कि ये दोनों लड़के पाकिस्तानी लड़कियों के ब्रेस्ट साइज़ पर भी कमेंट कर रहे थे।
ऐसा भारत में भी होता है। जब कोई व्यक्ति, औरतों के लिये पर्दे की बात करता है, बेपर्दा फ़ोटो को शेयर न करने की सलाह देता है तो उस पर "बैकवर्ड" का ठप्पा लगा दिया जाता है। लेकिन जब इस बेपर्दगी का साइड इफेक्ट सामने आता है तब सबको साँप सूंघ जाता है।
लड़की हिंदू हो या मुसलमान हो, वो माँ-बाप की शान होती है, उनकी इज़्ज़त होती है। लेकिन अफ़सोस होता है, जब वहशी मर्दों की ऐसी हरकतें सामने आती हैं।
असल मुद्दे की बात! इसके लिये कौन ज़िम्मेदार है? हो सकता है किसी को बुरा लगे लेकिन "ग्लैमरस" और "फैशनेबल" फ़ोटो अपलोड करने वाली लड़कियां इस ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकती।
सोशल मीडिया पर कुछ लाइक्स और तारीफ़भरे कमेंट्स की ख़ातिर अपनी और अपने माँ-बाप की इज़्ज़त को दाँव पर लगा देना कैसे सही हो सकता है?
साम्प्रदायिक नफ़रत लोगों के दिलो-दिमाग़ में इस क़दर घुस गई है कि विपक्षी धर्म की किसी जवान और ख़ूबसूरत लड़की का फोटो देखते ही उसके साथ अश्लीलता शुरू हो जाती है। यही चीज़ आगे चलकर प्यार के नाम पर देह शोषण और बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देने का कारण बनती है।
इस ब्लॉग के ज़रिए हम सभी लड़कियों से, वो चाहे किसी भी धर्म की हों, यह अपील करते हैं कि ऐसी फ़ोटो और वीडियो, सोशल मीडिया पर अपलोड न करें। अगर फेसबुक, इंस्टाग्राम या कहीं और अपलोड कर रखी है तो उन्हें फ़ौरन डिलीट करें। कहीं ऐसा न हो कि आपकी वो फ़ोटो किसी अश्लील वेबसाइट पर, बेहूदा कमेंट्स के साथ नज़र आए और उस दिन आप अफ़सोस भी करें तो भी कुछ काम का नहीं होगा।
◆ घर के ज़िम्मेदार मर्दों को चाहिये कि अपने घरों की लड़कियों का ध्यान रखें।
◆ जहाँ तक हो सके किसी को जवान लड़कियों की फोटो न दी जाए।
◆ शादी के लिये प्रपोजल में अगर फोटो देनी हो तो मुहज़्ज़ब (शालीन) लिबास में खींची हुई फोटो दें। कई बार ऐसा होता है रिश्ते से इंकार कर देने पर लड़की के फोटो को ग़लत तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। बेहतर तो यह कि फोटो सेंड करने के बजाय फोटो का प्रिंट दें।
◆ बीमारी या मौत-ग़मी की पोस्ट में भी पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो का इस्तेमाल करें।
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सलीम ख़िलजी
एडिटर इन चीफ़,
आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क
जोधपुर राजस्थान। व्हाट्सएप/टेलीग्राम : 9829346786
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