बाराबंकी (यूपी) में ढहाई गई 100 साल पुरानी मस्जिद

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, डीएम ने बताया अवैध परिसर। पूरी जानकारी के लिये पढ़िये यह न्यूज़ और इससे संबंधित व्यूज़।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 28 किलोमीटर दूर है, बाराबंकी। इस ज़िले की एक तहसील रामसनेहीघाट के एसडीएम दिव्यांशु पटेल के आवास के सामने बनी एक 100 साल पुरानी ग़रीब नवाज़ अल मंसूर मस्जिद को स्थानीय प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान पुलिस के पहरे में 17 मई 2021 की रात तुड़वा कर मलबा हटवा दिया।

ज़िलाधिकारी ने बयान जारी करते हुए उक्त विवादित स्थल को अवैध परिसर बताया है, तो वही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड, और समाजवादी पार्टी ने प्रशासन की कार्यवाही को गलत बताया है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यवाहक महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक बयान जारी कर कहा, "यह मस्जिद 100 साल पुरानी है और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में इसका इंद्राज भी है। इस मस्जिद के सिलसिले में किसी किस्म का कोई विवाद भी नहीं है। मार्च के महीने में रामसनेहीघाट के उप जिलाधिकारी ने मस्जिद कमेटी से मस्जिद के आराजी से संबंधित कागजात मांगे थे। इस नोटिस के खिलाफ मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और अदालत ने समिति को 18 मार्च से 15 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने की मोहलत दी थी, जिसके बाद एक अप्रैल को जवाब दाखिल कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद बगैर किसी सूचना के एकतरफा तौर पर जिला प्रशासन ने मस्जिद शहीद करने का जालिमाना कदम उठाया है।"

मौलाना सैफुल्लाह ने अपने बयान में यह भी कहा, "हमारी मांग है कि सरकार हाईकोर्ट के किसी सेवारत न्यायाधीश से इस वाक़ये की जांच कराए और जिन अफसरों ने यह ग़ैरक़ानूनी हरकत की है उनको निलंबित किया जाए। मस्जिद की जमीन पर कोई दूसरी तामीर करने की कोशिश न की जाए। यह हुकूमत का फर्ज है कि वह इस जगह पर दोबारा मस्जिद तामीर कराकर मुसलमानों के हवाले करे।"

बाराबंकी ज़िला अधिकारी का बयान

बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने मस्जिद और उसके परिसर में बने कमरों को 'अवैध निर्माण' करार देते हुए एक बयान में कहा, इस मामले में संबंधित पक्षकारों को पिछली 15 मार्च 2021 को नोटिस भेजकर स्वामित्व के संबंध में सुनवाई का मौका दिया गया था। लेकिन परिसर में रह रहे लोग नोटिस मिलने के बाद फरार हो गए जिसके बाद तहसील प्रशासन ने 18 मार्च को परिसर पर कब्जा हासिल कर लिया।

उन्होंने मस्जिद इमारत को ढहाने के आरोप पर सफाई देते हुए कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए गत दो अप्रैल को उसे निस्तारित कर दिया। इससे यह साबित हुआ कि वह निर्माण अवैध है। इस आधार पर रामसनेहीघाट उप जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में न्यायिक प्रक्रिया के तहत वाद दायर किया गया। इस प्रकरण में न्यायालय द्वारा पारित आदेश का 17 मई 2021 को अनुपालन करा दिया गया।

यूपी वक़्फ़ बोर्ड चैयरमेन का बयान

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने एक बयान में कहा, "प्रशासन ने खास तौर पर रामसनेहीघाट के उप जिलाधिकारी द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने के नाम पर तहसील परिसर के पास स्थित 100 साल पुरानी एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया है। मैं इस अवैध और मनमानी कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं।"

उन्होंने कहा, "यह कार्रवाई न सिर्फ कानून के खिलाफ है बल्कि शक्तियों का दुरुपयोग भी है। साथ ही हाईकोर्ट द्वारा गत 24 अप्रैल को पारित आदेश का खुला उल्लंघन है। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड उस मस्जिद की बहाली, घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट में जल्द ही मुकदमा दायर करेगा।

दिलचस्प बात यह है कि बाराबंकी जिले के मजिस्ट्रेट आदर्श सिंह ने एक न्यूज़ चैनल को बताया, "कोई मस्जिद नहीं तोड़ी गई है।"

मस्जिद ढहाने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और मुस्लिम संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की। इस संबंध में मंगलवार को मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन भी सौंपा।

बिलाल ख़िलजी
सह संपादक एवं वेब एडिटर
आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क

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Comments (6)
Younus Saleem

Corina se bhi badi aafat ko bulawa diya ja raha hai

Thu 20, May 2021 · 10:10 am · Reply
MD Korban Ali

Almighty Allah will ruine feraun-2 & his followers very soon following their's disorders on this Earth. May Allah assist us & guide such evil doers as Allah does not like disorders. Aameen

Thu 20, May 2021 · 08:24 am · Reply
Noor Mohammad Shaikh

शासन ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए संविधान का भी उल्लंघन किया और जो यह एकतरफा कार्रवाई की गई इसकी जांच उच्च अधिकारियों से करवाई जाना चाहिए , देश इस वक्त बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहा है ऐसे समय में यह की गई कार्यवाही तनावपूर्ण खबर ही है

Thu 20, May 2021 · 04:46 am · Reply
Mohammad Rafique Khan

Ya Allah Humari Masajido ki hifazat ferma,aameen

Wed 19, May 2021 · 11:30 pm · Reply
Nadeem

Jo bhi hua sahi nahi hua.. Zabt to lalkara ja raha haiii...

Wed 19, May 2021 · 10:30 pm · Reply
Mr Ashfaq ahmad

Jis saksh se masjid per avead kabja bataya h un logo per kadi se kadi karryewahi ki jaye

Wed 19, May 2021 · 10:22 pm · Reply