अपनी इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं?

अपनी इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2020 को कोरोना वायरस (Covid-19) की रोकथाम के लिये देशभर में जारी लॉकडाउन को 3 मई 2020 तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की। देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से 7 बातों पर अमल करने की अपील की, जिसमें से एक अपील इम्यूनिटी (रोगों से लड़ने की ताक़त) को बढ़ाने की भी है। आज की पोस्ट में हम इसी के बारे में जानकारी देंगे, इंशाअल्लाह।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें।

01. इम्यूनिटी सिस्टम क्या है?

हम पहले की पोस्ट्स में इसके बारे में और वायरस की प्रकृति के बारे में विस्तार से बता चुके हैं। संक्षेप में इतना जान लें कि हमारे जिस्म में बीमारी से लड़ने का एक सिस्टम होता है जिसे रोग प्रतिरक्षा तंत्र (Immunity System) कहते हैं। अल्लाह की क़ुदरत से हमारे शरीर में कुछ ऐसी कोशकाएं (Cells) बनती हैं जो बीमारियों के वायरस से लड़कर उन्हें ख़त्म कर देती है।

02. आयुष मंत्रालय क्या है?

ऐलोपैथिक दवाओं के प्रचलन से पहले लोग विभिन्न प्राकृतिक तरीक़ों और जड़ी-बूटियों से बीमारियों का इलाज करते रहे हैं। इन सभी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन देने के लिये एक विभाग का गठन किया गया जिसे आयुष (AYUSH) मंत्रालय कहते हैं।

आयुष शब्द पाँच वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के पहले अक्षर को मिलाकर बनाया गया है। A आयुर्वेद, Y योग, U यूनानी, S सिद्ध, H होम्योपैथी।

03. बिना दवाओं के इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं?

केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय लगातार कोरोना पर जागरुकता फैलाने का प्रयास कर रहा है। नीचे हम इम्युनिटी बढ़ाने के उन 10 घरेलू नुस्खों की जानकारी दे रहे हैं, जो आयुष मंत्रालय ने सुझाए हैं।

उन नुस्खों के साथ हमने इटैलिक फॉण्ट में उनके बारे अलग से समझाने की कोशिश की है।

01. दिनभर समय-समय पर गर्म पानी पीते रहें। पानी को हल्का गर्म (गुनगुना) करके पी सकते हैं।
इसका मतलब है कि आप फ्रिज का ठंडा पानी पीने से परहेज़ करें। जब वायरस का प्रकोप ख़त्म हो जाए तब भी मिट्टी के घड़े का ठंडा पानी पियें।

02. रोजाना कम से कम 30 मिनट तक योग करें। मंत्रालय ने इसके लिए #YOGAatHome, #StayHome, #StaySafe जैसे हेशटेग भी दिये हैं।
वर्ज़िश करने से जिस्म की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। फेफड़ों को मज़बूती मिलती है। ख़ून का दौरा सही रहता है। योग, एक एक्सरसाइज़ है। अगर मुसलमान, सही तरीक़े से नमाज़ अदा करें तो पाँच वक़्त इबादत के साथ-साथ दिन भर में एक-डेढ़ घंटे की वर्ज़िश भी हो जाएगी। नमाज़ में क़याम, रुकूअ, सज्दा, जलसा, सलाम समेत सभी अरकान पूरे इत्मीनान से किये जाने चाहिए।

03. अपने आहार में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल जरूर करें।
हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले मसाले, बीमारियों से लड़ने की ताक़त पैदा करते हैं। शायद यही वजह है कि अमेरिका और यूरोप की तुलना में भारत में कोरोना से कम तबाही हुई है।

04. एक चम्मच या 10 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन रोज सुबह करें। डायबिटीज के रोग शुगर फ्री च्यवनप्राश का सेवन करें।
च्यवनप्राश में आंवला के साथ-साथ बहुत सारी जड़ी-बूटियां मिली हुई होती हैं। च्यवनप्राश असली घी में बनाया जाता है। इन सब के सम्मिलित गुणों के कारण च्यवनप्राश इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है।

05. दिन में एक या दो बार हर्बल चाय/काढ़ा पियें। काढ़ा बनाने के लिए पानी में तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक (सौंठ), मुनक्का मिलाकर अच्छी तरह धीमी आंच पर उबालें। अगर मीठा लेना हो तो स्वादानुसार गुड़ डालें या खट्टा लेना हो तो नींबू का रस मिला लें।
इस काढ़े का हैरतंगेज असर देखने को मिलता है। इसमें अगर कलौंजी भी मिला दी जाए तो यह और ज़्यादा गुणकारी होता है। हम ख़ुद इसका इस्तेमाल अपने घर में करते हैं।

06. दिन में कम से कम एक या दो बार हल्दी वाला दूध (Golden Milk) लें। 150 मिली लीटर गर्म दूध में करीब आधी छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पियें।
हल्दी बहुत ज़्यादा गुणकारी होती है। इसके गुणों पर अलग से एक लेख लिखा जा सकता है। राजस्थान में परम्परागत रूप से चोट-मोच या दर्द की स्थिति में हल्दी-दूध का इस्तेमाल किया जाता है।

07. नैजल एप्लीकेशन : तिल का तेल या नारियल का तेल या घी रोज सुबह और शाम नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं।
ऐसा करने से भी नाक की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। कुछ यूनानी हकीम ज़ैतून के तेल या कलौंजी के तेल की एक-एक बूंद नाक में डालने की राय भी देते हैं।

08. ऑयल पुलिंग थेरेपी : एक बड़ी चम्मच तिल का तेल या नारियल का तेल मुंह में लें। इसे पीना नहीं है। इसे दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाने के बाद थूक दें। इसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें। दिन में एक या दो बार ऐसा किया जा सकता है।
कुछ यूनानी हकीम सरसों का तेल इस्तेमाल करने की भी राय देते हैं। ऐसा करने से मसूड़ों और मुंह का इंफेक्शन ख़त्म होता है। अगर मसूड़े फूल जाएं और उसमें गंदा पानी भर जाए तो यूनानी हकीम सरसों के तेल में बारीक पिसा नमक मिलाकर मंजन करने की राय देते हैं। इससे सारा गंदा पानी निकल जाता है और मसूड़े फिर से नॉर्मल हो जाते हैं।

09. गले में खरास या सूखा कफ होने पर पुदीने की कुछ पत्तियां और अजवाइन को पानी में गर्म करके स्टीम लें।
राजस्थान में इसे बफारा लेना कहा जाता है। इसका तरीक़ा यह है कि उबलते पानी में पुदीने की पत्तियां और अजवाइन डालकर उसकी भाप को सांस के साथ अंदर खींचें। ऐसा करने पर साँस की नली और फेफड़ों में जमा बलगम निकलता है और इंफेक्शन ठीक होता है।

10. गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर इसे दिन में दो से तीन बार खाएं। सूखा कफ या गले में खरास ज्यादा दिनों तक है तो डॉक्टर को दिखाएं।
लौंग इम्यूनिटी बूस्टर होने के साथ-साथ खांसी में भी बहुत गुणकारी है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिये एक से ज़्यादा इस्तेमाल न करें। बेहतर यही है कि अनुभवी हकीम या वैद्य की राय लें।

आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गये इन नुस्खों के अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में निम्नलिखित नुस्खे भी काफ़ी कारआमद हैं।

★ मालिश करवाना : पूरे जिस्म की किसी जड़ी-बूटी युक्त तेल से मालिश करवाने से जिस्म की सभी मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। दक्षिण भारत में इसका बहुत ज़्यादा चलन है। कोरोना वायरस का सबसे कम प्रभाव केरल में देखा गया है जहाँ मालिश का प्रचलन बहुत ज़्यादा है। अगर मालिश के लिये गाढ़ा वाला असली रौग़न सुर्ख़ मिल सके तो बहुत ही बेहतर है वर्ना तिल का तेल, सरसों का तेल या ज़ैतून का तेल इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।

★ शहद का इस्तेमाल करना : असली शहद में इम्यूनिटी बढ़ाने की क्षमता बहुत ज़्यादा होती है। आयुर्वेद और यूनानी पद्धति में बहुत से अवलेह, माजून आदि दवाइयां शहद में जड़ी-बूटियों का पाउडर मिलाकर बनाई जाती है।

दो चम्मच शहद गर्म करके ठंडा किये गये दूध में मिलाकर पीने से जिस्म मज़बूत होता है।

दो चम्मच शहद व चुटकी भर नमक पानी में मिलाकर पीने से दस्त रुकती है और कमज़ोरी दूर होती है।

सेब काटकर उसमें शहद मिलाकर खाने से फेफड़ों को मज़बूती मिलती है।

चौथाई चम्मच अदरक का जूस, एक चम्मच शहद में मिलाकर लेने से खांसी में आराम मिलता है।

★ व्हीटग्रास जूस पीना : आम बोलचाल में इसे "गेहूं के जवारे का रस" कहते हैं। कई आयुर्वेदाचार्यों ने इसके हैरतअंगेज फ़ायदे बताए हैं, जिनमें बाबा रामदेव भी शामिल हैं।

बहुत से वैद्यों का यह भी कहना है कि इसके इस्तेमाल से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि कैंसर जैसी जटिल वायरसजनित बीमारी भी ठीक हो जाती है। व्हीटग्रास को घर में आसानी से उगाया जा सकता है। इसकी जानकारी एक अलग पोस्ट में दी जाएगी, इंशाअल्लाह।

★ तम्बाकू उत्पाद से बचना : तम्बाकू, जिसे आम बोलचाल में "ज़र्दा" कहा जाता है, हमारी इम्यूनिटी का सबसे बड़ा दुश्मन है। तम्बाकू में निकोटिन नाम का एक ज़हरीला तत्व होता है जो हमारे नर्वस सिस्टम को बहुत ज़्यादा कमज़ोर कर देता है। खैनी, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन करने वाले लोगों में कैंसर की संभावना सबसे ज़्यादा होती है। याद रखिये, कैंसर भी एक वायरसजनित बीमारी है।

★ शराब व अन्य नशीली चीज़ों से बचना : इस्लाम ने शराब व हर नशीली चीज़ को "बुराइयों की माँ" कहा है। नशा करने से हमारे जिस्म का हर अंग कमज़ोर हो जाता है। ऐसे लोगों पर कोई भी वायरसजनित बीमारी जल्दी हावी हो जाती है।

अमेरिका और यूरोपीय देशों में शराब बहुत ज़्यादा पी जाती है और आप नोट कर सकते हैं कि कोरोना वायरस के कारण सबसे ज़्यादा मौतें भी उन्हीं देशों में हुई है।

इसलिये याद रखिये, तंदुरुस्ती सबसे बड़ी नेअमत है। इसकी क़दर कीजिये। ऐसी ही जानकारी भरी पोस्ट्स के लिये हमारे साथ बने रहिये। सलीम ख़िलजी चीफ़ एडिटर आदर्श मुस्लिम

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