एएमयू स्टूडेंट्स की बेमिसाल ख़िदमत

एएमयू स्टूडेंट्स की बेमिसाल ख़िदमत

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का नाम आते ही कुछ तथाकथित राष्ट्रवादी असहज हो जाते हैं। न जाने क्या-क्या बकवास करने लगते हैं। लेकिन एएमयू के स्टूडेंट्स ने ईद पर इंसानियत की एक बेमिसाल तस्वीर पेश की है।

लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि यह ख़बर भोंपू मीडिया को दिखाई नहीं दी। अगर कोई नेगेटिव ख़बर होती तो अब तक सारे चैनल्स पर ब्रेकिंग न्यूज़ और स्पेशल बुलेटिन चल रहे होते। आइये, अब इस ख़बर को हम विस्तार से बताते हैं।

ईद वो त्योहार है जिसमें घर से बाहर रह रहे लोग अपने घरों की ओर रुख करते हैं। परिवार के साथ मिलकर ईद की खुशियां मनाते हैं। मगर कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में एएमयू छात्रों की ऐसी टोली भी है जिन्होंने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों व उनके तीमारदारों की मदद को ही ईद का उद्देश्य बना दिया। यहां तक कि उन्होंने अपने घरों की ओर रुख करने से भी पैर पीछे खींच लिए। मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध कराने से लेकर तमाम सेवाओं में व्यस्त इन छात्रों की टोली ने मरीजों व उनके तीमारदारों का साथ न छोड़कर इंसानियत की मिसाल पेश की है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशनएएमयू को-आर्डिनेशन कमेटी की पूरी टीम पिछले 15 दिनों से शहर में कोरोना महामारी की वजह से होने वाली आक्सीजन की कमी में मजबूर लोगों की मदद के लिए आगे आकर काम कर रही है। दिन-रात जरूरतमंद लोगों तक आक्सीजन पहुंचाने का काम कर रही है।

इसी आपदा की वजह से सभी छात्रों ने यह फैसला लिया कि वे ईद मनाने घर नहीं जाएंगे क्योंकि अगर अगर वह ईद मनाने घर चले गए तो यहां लोगों को आक्सीजन कौन उपलब्ध कराएगा? इसीलिए छात्रों ने इस बार यह फैसला लिया कि इस साल हमारा परिवार यह मरीज और उनके तीमारदार ही हैं और वे इस बार इन्हीं के साथ ईद मनाएंगे।

एएमयू को-आर्डिनेशन कमेटी के को-आर्डिनेटर आमिर मिंटो ने बताया कि आफताब हाल में एएमयू को-आर्डिनेशन कमेटी का जो रिफिलिंग प्वाइंट है वहीं पर तमाम परेशान हाल लोगों के साथ ईद की खुशियां बांटने का फैसला किया गया है। बताया कि कमेटी में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, स्कालर्स आदि छात्र हैं, जो मरीजों की सेवा में लगे हैं। ईद पर सेवईं व शीर खुरमा भी आफताब हाल में खुद छात्रों ने बनाया और मरीजों व तीमारदारों के साथ ईद की खुशियां साझा कीं। एएमयू में अन्य सभी से गुजारिश भी की कि वे भी आफताब हाल आकर ईद की खुशियां छात्रों और परेशान हाल मरीजों के तीमारदारों के साथ साझा करें।

स्टूडेंट्स से कहा गया कि ईद पर घर जाने में कम से कम तीन से चार दिन का समय खाली जाता ऐसे में इन मरीजों की हालत भी बिगड़ सकती है और उनकी जान भी जा सकती है। इसलिए किसी ने घर पर न जाकर तीमारदारों के साथ ही ईद मनाने का फैसला किया।

वेल डन, एएमयू स्टूडेंट्स! इनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है। इस ख़बर को शेयर करना आपकी भी ज़िम्मेदारी है। हम तो बस रिकवेस्ट कर सकते हैं।

बिलाल ख़िलजी
सह सम्पादक एवं वेब एडिटर
आदर्श मुस्लिम अख़बार व आदर्श मीडिया नेटवर्क

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Comments (7)
MD Korban Ali

In this erra, for sacrifice on account of benevolence bitterness be experienced in the hereafter award according to such type of sacrifice be offered. Insha Allah.

Sun 16, May 2021 · 08:49 pm · Reply
MD Korban Ali

In this present situation, no award for good deeds despite of having sacrifice. It will be paid accordingly in hereafter by almighty Allah shuvanu Tallaha May Allah bless the students to do it more & more. Aameen.

Sun 16, May 2021 · 08:40 pm · Reply
Abdul Rahim Gouri

Allah Rabbul izzat Unhe is ka behtreen badla de aur in ke gaib se madad bhi karta rahe aur jin logon ne is kam me hissa liya hai aur jinhone mehnat en ki hai unhe bhi behtreen badla de aameen

Sat 15, May 2021 · 11:21 pm · Reply
Shabaa Parveen

Jajakallah

Sat 15, May 2021 · 10:57 pm · Reply
A s saiyed

Very very niec Allah taala unko lmbi umar Or sehat achhi de. Aameen

Sat 15, May 2021 · 09:42 pm · Reply
S M Ahmed

Jajakallah

Sat 15, May 2021 · 08:10 pm · Reply
Nasim ali

जजाक्अल्लाह

Sat 15, May 2021 · 07:43 pm · Reply