आत्मनिर्भर भारत प्लान-1 : पहले दिन की घोषणाएं
कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिये लगाये गये लॉक डाउन के कारण लड़खड़ा रही इकॉनमी को ताक़त देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के महापैकेज का ऐलान किया है। उसके बाद लगातार पांच दिन तक वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उसके बारे में विस्तार से बताया। आज के ब्लॉग में 13 मई 2020 को गई घोषणाओं के प्रमुख बिंदुओं की जानकारी दे रहे हैं।
पहला दिन : 13 मई 2020
■ छोटे कारोबार के लिये ऐलान
◆ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कौलेटरल फ्री (बंधमुक्त) लोन। सरकार का कहना है कि क़र्ज़ मिलने से 45 लाख यूनिट्स फिर से काम शुरू कर पाएंगी और नौकरियां बचा पाएंगी।
◆ एनपीए वाले और आर्थिक दबाव में चल रहे MSMEs को 20 हजार करोड़ रुपये का सबॉर्डिनेट लोन। सरकार का कहना है कि इससे 2 लाख से ज्यादा उद्योगों को फायदा होगा।
◆ जो MSME अच्छा कर रहे हैं और वो बिजनस का विस्तार करना चाहते हैं, अपना आकार और क्षमता बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही है, उनके लिए फंड ऑफ फंड्स के जरिए फंडिंग मिलेगी। इसके लिये 50 हजार करोड़ रुपये के इक्विटी इन्फ्यूजन का प्रावधान किया गया है।
◆ MSME के हित में इसकी परिभाषा बदल दी गई है। ये बदलाव मैन्युफैक्चिरिंग और सर्विस, दोनों इडंस्ट्रीज पर लागू होंगे। इस कदम से MSMEs अब बिना फायदों को खोए अपना विस्तार कर सकेंगे।
नई परिभाषा के मुताबिक, 1 करोड़ रुपये तक निवेश करके 5 करोड़ तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री को सूक्ष्म, 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक व्यापार करने वाली इंडस्ट्री को लघु और 20 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री को मध्यम उद्योग कहा जाएगा।
◆ 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं होगी। इसके लिये सरकार को घरेलू कंपनियों से टेंडर मंगवाने की बाध्यता होगी।
◆ कोविड-19 की वजह से ट्रेड फेयर्स में MSMEs शिरकत नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उनका ई-मार्केट लिंकेज किया जाएगा। सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास उनका बकाया है तो अगले 45 दिनों में बकाया भुगतान करवाने की कोशिश की जाएगी।
■ गैर बैंकिंग कर्जदाताओं के लिये ऐलान
◆ 30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम की शुरुआत। इसका फायदा इन्हें मिलेगा- नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियां, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो फाइनैंस इंस्टिट्यूशंस को, जिन्हें बाजार से पैसा जुटाने में दिक्कत होती है। इस फंड की पूरी गारंटी सरकार देगी।
◆ NBFCs के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम। कर्ज देने पर नुकसान की स्थिति में शुरुआती 20 प्रतिशत नुकसान को गारंटर उठाएगा यानी सरकार खुद उठाएगी।
■ कर्मचारियों के लिये ऐलान
◆ ईपीएफ में 2500 करोड़ का सपोर्ट, अब मार्च, अप्रैल और मई के अलावा जून, जुलाई और अगस्त की सैलरी के ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में भी सरकार मदद करेगी। सरकार का दावा है कि इससे 72 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
◆ ईपीएफ में अब अगले तीन महीने तक 12% की जगह 10% कॉन्ट्रिब्यूशन। हालांकि, यह सरकारी सेवाओं में लागू नहीं। इससे संस्थानों के 6750 करोड़ रुपये बचेंगे।
■ पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के लिये ऐलान
◆ वन-टाइम इमर्जेंसी लिक्विडिटी के तहत पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये की मदद। इससे ये बिजली उत्पादकों के बकाये का भुगतान कर सकेंगी।
■ अन्य क़दमों का ऐलान
◆ रेलवे, सड़क परिवहन राजमार्ग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कॉन्ट्रैक्टर्स को अपने प्रॉजेक्ट पूरे करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया।
◆ रियल एस्टेट को 25 मार्च 2020 तक या उसके बाद एक्सपायर हो रहे प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है।
◆ 31 मार्च 2021 तक टीडीएस में 25% की कटौती। सरकार का कहना है कि टैक्सपेयर्स पर 50 हजार करोड़ रुपये का भार कम होगा।
◆ सभी तरह के इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक की गई।
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