आत्मनिर्भर भारत प्लान-5 : पांचवें दिन की घोषणाएं
पाँचवें दिन 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक महापैकेज की आख़िरी किस्त का ब्यौरा देते हुए जो घोषणाएं कीं, उनके बारे में आज के ब्लॉग में बिंदुवार जानकारी दी जा रही है।
पाँचवां दिन : 17 मई 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस आपातकालीन समय में सरकार ने लॉकडाउन के दौरान टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों को पैसा, खाना, गैस-सिलिंडर और अन्य सामग्रियाँ पहुँचाई हैं। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि विशेष रेल गाड़ियों का 85% ख़र्च केंद्र सरकार ने वहन किया है। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के पांचवें दिन उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े सात अहम क़दमों का एलान किया।
■ मनरेगा
◆ मनरेगा के लिए सरकार अतिरिक्त 40 हज़ार करोड़ रुपए का आवंटन करेगी।
◆ मनरेगा के तहत ज़्यादा से ज़्यादा काम मिले, इस पर ध्यान दिया जाएगा।
◆ गाँव वापस लौटने वाले प्रवासी मज़दूरों को मॉनसून में भी काम मिले, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा।
◆ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को रफ़्तार दी जाएगी।
■ स्वास्थ्य क्षेत्र
◆ कोविड-19 की महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन होगा।
◆ ये पैसा राज्यों को ज़रूरी मेडिकल सप्लाई के लिए दिया जाएगा।
◆ टेलिकंसल्टेशन सर्विस शुरू की जाएगी। राज्यों को 4113 करोड़ रुपए से भी ज़्यादा रक़म आवंटित की गई है।
◆ हेल्थ वर्कर्स के लिए 50 लाख रुपए की बीमा का प्रावधान किया गया है।
◆ हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा के लिए महामारी अधिनियम में बदलाव किया गया है।
◆ सरकार ख़र्च बढ़ाएगी, ज़मीनी स्तर की स्वास्थ्य संस्थाओं में निवेश किया जाएगा।
◆ आगे किसी भी तरह की महामारी को रोकने के लिए सभी ज़िलों में अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लॉक बनाए जाएँगे।
◆ लैब नेटवर्क को मज़बूत किया जाएगा. शोध को बढ़ावा दिया जाएगा और नेशनल इंस्टिट्युशन प्लेटफ़ॉर्म बनाया जाएगा।
■ शिक्षा क्षेत्र
◆ पीएम-ई विद्या कार्यक्रम चलाया जाएगा ताकि डिज़िटल/ऑनलाइन पाठ्यक्रम की पहुँच बढ़ाई जा सके। इसके तहत स्कूली शिक्षा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दीक्षा कार्यक्रम चलाए जाएँगे।
◆ हर क्लास के लिए एक चैनल शुरू किया जाएगा। कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट का इस्तेमाल होगा।
◆ छात्रों को मानसिक मदद के लिए मनोदर्पण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
◆ स्वयंप्रभा चैनल के ज़रिए एजुकेशन कॉन्टेंट मुहैया कराया जा रहा है, ये उनके लिए है जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है। इसके तहत 12 चैनलों का प्रसारण किया जा रहा है।
◆ पीएम ई-विद्या- डिज़िटल/ ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस के लिए एक कार्यक्रम तुरंत लॉन्च किया जाएगा।
◆ शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को 30 मई तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
■ व्यवसाय कंपनीज़ ऐक्ट में 'डिक्रीमिनलाइज़ेशन'
◆ कोविड-19 के कारण अगर कोई क़र्ज़ चुकाने में नाकाम रहा तो उसे डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
◆ इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड के लागू होने के बाद 44 प्रतिशत रिकवरी हुई है।
◆ कंपनियों के डीक्रिमिनलाइज़ेशन ऐक्ट में सुधार मामूली मामलों में और तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूकों को अपराधीकरण की सूची से निकाल दिया जाएगा।
◆ कंपाउंडेबल मामलों में पहले केवल 18 मामलों में रखा गया था, अब उसे बढ़ाकर 58 किया गया है।
■ कारोबार की सुगमता
◆ कारोबार में सहूलियत के अगले चरण को तेज़ करने के लिए सरकार काम कर रही है।
◆ कुर्की या दिवालिएपन की प्रक्रिया के लिए न्यूनतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गई।
◆ ईज ऑफ डूईंग बिज़नेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक साल के लिए नई इन्सॉल्वेंसी प्रक्रियाओं को सस्पेंड कर दिया है।
◆ इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत #COVID19 से संबंधित क़र्ज़ को 'डिफॉल्ट' की श्रेणी में नहीं डाला जाएगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को इसका लाभ होगा।
■ सरकारी क्षेत्र के उपक्रम
◆ रणनीतिक क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। जनहित और सुरक्षा को देखकर एक लिस्ट बनाई जाएगी।
रणनीतिक क्षेत्रों में कम-से-कम एक सरकारी क्षेत्र का उपक्रम मौजूद रहेगा।
◆ अधिकतर चार सरकारी क्षेत्र की कंपनियाँ उस क्षेत्र में मौजूद रहेंगी। उस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी हो सकती है।
◆ अन्य क्षेत्रों में सरकारी कंपनियों का निजीकरण या विलय किया जाएगा। उचित समय पर ये फ़ैसला लिया जाएगा।
■ राज्य सरकार के संसाधन
◆ राज्यों के संसाधनों के बारे में सुधार केंद्र के साथ राज्यों के राजस्व में तेज़ गिरावट आई है।
◆ केंद्र के संसाधनों पर दबाव के बावजूद अप्रैल और मई में राजस्व घाटे की भरपाई के तौर पर हमने 12,390 करोड़ दिए हैं।
◆ अभी तक 46,038 करोड़ रुपए के टैक्स की राशि राज्यों को दी गई है।
◆ स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों को 4,113 करोड़ रूपए की राशि कोविड की रोकथाम के लिए दी गई। राज्य अब 14 दिन की जगह 21 दिन तक लगातार ओवरड्राफ़्ट रख सकते हैं।
◆ राज्य किसी एक तिमाही में कुल 32 दिन की जगह 50 दिन तक ओवरड्राफ़्ट रख सकते हैं।
◆ 2020-21 के लिए राज्य जीएसडीपी (राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद) का 3% या 6.41 लाख करोड़ रूपए तक का क़र्ज़ ले सकते हैं। इसे बढ़ाकर 5% किया जा रहा है. राज्यों ने इसकी माँग की थी जिसे मान लिया गया है।
◆ राज्यों ने अभी तक अपनी सीमा का केवल 14 प्रतिशत का उधार लिया है। 86 प्रतिशत की उनकी उधारी अभी भी बची हुई है। इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ की अतिरिक्त मदद मिलेगी।
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