डॉ. ज़ाकिर हुसैन का जीवन परिचय

  • Fri, 08 Feb 2019
  • National
  • Saleem Khilji

डॉ. ज़ाकिर हुसैन आज़ाद भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे और इस पद पर चुने जाने वाले पहले मुस्लिम व्यक्ति भी। शायद हम में से बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि आज से ठीक 122 साल पहले, 8 फ़रवरी 1897 को हैदराबाद के एक पठान परिवार में उनका जन्म हुआ था।

उनकी उम्र महज 10 साल की थी, जब उनके पिता का इंतक़ाल हो गया था। 4 बरस बाद जब उनकी उम्र 14 साल की थी तो मां भी चल बसी। ऐसे में हम सोच सकते हैं कि जाकिर हुसैन साहब की जिंदगी का सफर आसान नहीं रहा। मगर जिंदगी की हर चुनौती का डटकर सामना करने वाले डॉ. ज़ाकिर हुसैन का हौसला ही था कि वे सभी रुकावटों को पार कर एक दिन देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने।

6 मई 1967 की शाम ऑल इंडिया रेडियो पर बताया गया कि कुल 838,170 वोटों में से 471,244 वोट हासिल करके जाकिर हुसैन राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत चुके हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी के. सुब्बाराव को 363,971 वोट हासिल हुए थे। इसी घोषणा के साथ देश को अपना पहला मुस्लिम राष्ट्रपति मिल गया था। नतीजों की जानकारी देने के लिए इंदिरा गांधी उनके घर गईं थीं। इसके बाद जाकिर हुसैन के जीत की घोषणा दिल्ली के जामा मस्जिद से की गई। 13 मई को 1967, संसद के सेंट्रल हॉल में जाकिर हुसैन ने देश के तीसरे राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।

इन महत्वपूर्ण पदों पर रहे :

- 1920 में उन्होंने 'जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली' की स्थापना में योगदान दिया। वे अर्थशास्त्र में पी.एच.डी की डिग्री के लिए जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय गए और लौट कर जामिया के उप कुलपति के पद पर भी आसीन हुए। उनके नेतृत्व में जामिया मिलिया इस्लामिया का राष्ट्रवादी कार्यों और स्वाधीनता संग्राम की ओर झुकाव रहा।

- आजादी के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति बने और उनकी अध्यक्षता में ‘विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग’ भी गठित किया गया।

- इसके अलावा वे भारतीय प्रेस आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूनेस्को, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सेवा तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी जुड़े रहे।

- 1957 में डॉ. ज़ाकिर हुसैन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया।

- 1962 ई. में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने।

दुनिया से अलविदा :
जाकिर हुसैन दिल के मरीज़ थे। हमेशा वह डॉक्टर से संपर्क में रहे और उनका चेकअप चलता रहा। 3 मई 1969 को भी डॉक्टर चेकअप करने आया लेकिन उन्होंने कहा कि वह बाथरुम से लौटकर चेकअप करवाएंगे। इसके बाद वह बाथरूम गए। जब दरबाजा काफी देर तक नहीं खुला तो उनके असिसटेंट इस्हाक ने दरबाजा ख़टखटाया। दरवाजा नहीं खुला। बाद में मालूम हुआ कि देश के राष्ट्रपति इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं। देश का झंडा उनके शोक में झुका दिया गया।

डॉ. ज़ाकिर हुसैन देश के पहले राष्ट्रपति थे जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे।