हम सभी बचपन से ही किताबों में ये पढ़ते चले आ रहे हैं कि "हिन्दी" हमारी राष्ट्र भाषा है। "कमल" राष्ट्रीय फूल और "हॉकी" राष्ट्रीय खेल है। देश के कई बड़े प्रकाशकों की किताबों में भी इस बात का जिक्र मिलता है।
लेकिन अब आप अपना ज्ञान सुधार लीजिये। एक RTI में दिए गए जवाब के मुताबिक़ ये तीनों बातें सही नहीं हैं।
सपा नेता और ओबीसी आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आरटीआई एक्टिविस्ट काली शंकर की ओर से दाखिल की गई आरटीआई से इस बात की जानकारी मिली है। संबंधित मंत्रालय और विभाग द्वारा बाकायदा पत्र भेजकर इस बात की जानकारी दी गई है।
काली शंकर द्वारा दाखिल की गई आर.टी.आई. DPOOL/R/2019/80005 के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा ये जानकारी भेजी गई है। भेजे गए पत्र में जवाब दिया गया है कि भारत की राष्ट्रीय भाषा ‘हिंदी’ नहीं है। भारत की कोई भी भाषा राष्ट्रीय भाषा नहीं है, संविधान में इसका कोई उल्लेख नहीं है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं, बल्कि राजभाषा यानी संविधान की आठवीं अनुसूची में हिंदी भाषा को 22 अन्य भाषाओं के साथ जगह देते हुए उसे आधिकारिक भाषा माना गया है।
काली शंकर ने कहा कि हम किताबों में पढ़ते चले आ रहे हैं कि कमल हमारा राष्ट्रीय फूल है. लेकिन, जब उन्होंने भारत सरकार के बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण) को आरटीआई के ज़रिये राष्ट्रीय फूल के बारे में जानकारी मांगी तो जवाब में बताया गया कि उनके पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है कि हमारे देश का कोई राष्ट्रीय फूल है।
उनके द्वारा दाखिल की गई आरटीआई के जवाब में खेल मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल नहीं है। इसके बावजूद सरकार के वेब पोर्टल (www.india.gov.in) पर राष्ट्रीय खेल शीर्षक के तहत हॉकी को राष्ट्रीय खेल बताते हुए उसकी उपलब्धियों का विवरण दिया गया है।